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झारखंड में भाजपा से मुकाबले के लिए विपक्ष एकजुट हो : रामेश्वर उरांव

हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि गठबंधन में सीट बंटवारा आसान नहीं होता है. पूर्व आइपीएस अधिकारी डॉ. रामेश्वर उरांव को पूर्व अध्यक्ष डॉ़ अजय कुमार के इस्तीफे के बाद सोमवार को कांग्रेस ने झारखंड अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है. डॉ. अजय भी पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं.

Updated on: 27 Aug 2019, 04:58 PM

नई दिल्ली:

झारखंड कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ़ रामेश्वर उरांव का मानना है कि वर्तमान स्थिति को स्वीकार कर इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से मुकाबला करने के लिए विपक्ष को एकजुट होकर गठबंधन के तहत चुनाव मैदान में उतरना चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि गठबंधन में सीट बंटवारा आसान नहीं होता है. पूर्व आइपीएस अधिकारी डॉ. रामेश्वर उरांव को पूर्व अध्यक्ष डॉ़ अजय कुमार के इस्तीफे के बाद सोमवार को कांग्रेस ने झारखंड अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है. डॉ. अजय भी पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं.

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में आदिवासी मामले के राज्यमंत्री का पदभार संभाल चुके उरांव ने आईएएनएस को फोन पर कहा कि सभी को एकसाथ लेकर संगठन चलाना है. झारखंड कांग्रेस के कई गुटों में बंटे होने के संदर्भ में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि "कोई भी एक व्यक्ति कोई संगठन या संस्थान नहीं चला सकता है. सभी को साथ लेकर चलना है."

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उन्होंने कहा, "इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि झारखंड कांग्रेस में अंतर्कलह है, परंतु सभी के घर तो कांग्रेस ही है. सभी को मिलजुल कर घर ठीक करना है. संगठन मजबूत होगा तभी चुनौती से मुकाबला किया जा सकता है."

उरांव ने मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. उन्होंने सोनिया गांधी से मिलकर आने के बाद आईएएनएस को फोन पर बताया कि "दो महीने बाद झारखंड विधानसभा चुनाव होने वाला है. इसमें बेहतर प्रदर्शन करना कांग्रेस की पहली प्राथमिकता है."

गठबंधन के तहत चुनाव में उतरने के संबंध में पूछे जाने पर उरांव ने कहा, "मैं वर्तमान परिस्थिति को स्वीकार करते हुए सभी विपक्षी पार्टियों को मिलकर एक गठबंधन के तहत चुनाव में जाने की उम्मीद रखता हूं. इसके लिए सबको साथ आना होगा. पार्टी नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद ही कुछ होगा. इस मामले पर पहले से ही बात हो रही है."

उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि गठबंधन में शामिल दलों को छोटा स्वार्थ छोड़कर बड़ी सोच के साथ आगे आना होता है, तभी सीट बंटवारा आसान होता है. उरांव को इस बात का अफसोस है कि कांग्रेस पुरानी पार्टी होने के बावजूद हाशिये पर है. उन्होंने कहा कि "कांग्रेस को हाशिये से निकाल कर बाहर लाना उनकी प्राथमिकता है. इसके लिए संगठन के काम में तेजी लाई जाएगी तथा संगठन के काम में कार्यकर्ताओं को उत्साह के साथ जोड़ने की कोशिश की जाएगी. कार्यकर्ताओं में उत्साह होगा, तब अपने आप सबकुछ ठीक हो जाएगा."

कांग्रेस ने डॉ. रामेश्वर उरांव को झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया है. जबकि पांच कार्यकारी अध्यक्ष भी मनोनीत किए गए हैं. इसमें पूर्व विधायक केशव महतो कमलेश, विधायक इरफान अंसारी, राजेश ठाकुर, मानस सिन्हा और संजय पासवान शामिल हैं.

उरांव कहते हैं कि "सभी लोग राज्य के अलग-अलग हिस्से से आते हैं. सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर संगठन को मजबूत करेंगे. केंद्रीय नेतृत्व जैसा निर्देश देगा, वैसा काम होगा." उन्होंने कहा कि जनता के बीच जाकर वर्तमान सरकार की कमियों को सामने रखने के लिए कार्यक्रम तय किए जाएंगे. लोहरदगा के पूर्व सांसद उरांव कहते हैं कि "वर्तमान सरकार ने वादे तो खूब किए, परंतु सरजमी पर काम कुछ नहीं हुआ. इसे लेकर कांग्रेस पूरे राज्य में घूमेगी और सरकार का पोल खोलेगी."