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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब सचिवालय पर लहराया केवल तिरंगा

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पास अपना संविधान, झंडा और दंड संहिता होता था. लेकिन अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब वहां भारतीय संविधान लागू होगा

Updated on: 25 Aug 2019, 10:23 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के साथ ही स्टेट फ्लैग को सचिवालय से हटा दिया गया है. अब श्रीनगर में स्थित सचिवालय के भवन पर सिर्फ तिरंगा लहरा रहा है. पिछले कुछ दिनों तक दोनों झंडे एक साथ लगे हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि अब सभी सरकारी कार्यालयों में तिरंगा ही लगाया जाएगा. कश्मीर में तिरंगा के अलावा राज्य का झंडा लगाने का जो विशेषाधिकार प्राप्त था, उसे भारत सरकार ने खत्म कर दिया. अब जम्मू-कश्मीर को मिलने वाला स्पेशल स्टेटस को निष्क्रिय कर दिया है. अब कश्मीर में सिर्फ तिरंगा लहराएगा.

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इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पास अपना संविधान, झंडा और दंड संहिता होता था. लेकिन अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अब वहां भारतीय संविधान लागू होगा. अब सरकारी भवनों पर तिरंगा लहराएगा और भारतीय दंड संहिता का पालन होगा. इससे पहले जम्मू-कश्मीर में रणवीर दंड संहिता का पालन होता है. राज्य में पहले किसी बाहरी शख्स के जमीन खरीदने पर भी पाबंदी थी. लेकिन अब कोई भी वहां जमीन खरीद सकता है. भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांट दिया. एक जम्मू-कश्मीर और दूसरा लद्दाख. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा होगा लेकिन केंद्र शासित प्रदेश रहेगा. लद्दाख में विधानसभा नहीं होगा, लेकिन वो भी केंद्रशासित प्रदेश रहेगा. मौजूदा जम्मू-कश्मीर राज्य के राज्यपाल अब केंद्र शासित जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित लद्दाख के उपराज्यपाल होंगे.साथ ही विधानसभा का कार्यकाल अब 6 साल नहीं बल्कि 5 साल का होगा.

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अनुच्छेद 370 को हटाना केंद्र सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था. लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए घाटी में 35 हजार से ज्यादा सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. हालांकि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 3 हफ्ते बाद कई इलाकों में कर्फ्यू में ढील दी गई है. लोगों की आवाजाही सड़कों पर पहले की तरह शुरू हो गई है. छात्र-छात्राएं स्कूल और कॉलेज जा रहे हैं. सरकारी दफ्तरों में भी कामकाज शुरू हो गया है.