कश्मीर में जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट ने बंद का किया ऎलान, संस्थापक मकबूल भट्ट की बरसी का है मौका
श्रीनगर और घाटी के अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. बंद का असर सार्वजनिक परिवहन पर भी पड़ा है.
श्रीनगर:
कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा सोमवार को आहूत बंद के चलते क्षेत्रभर में आम जनजीवन पर गहरा असर दिखाई दिया. यह बंद 'जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट' (JKLF) के संस्थापक मकबूल भट्ट की 35वीं बरसी के मौके पर आहूत किया गया है. भट्ट को आज के ही दिन 1984 में तिहाड़ जेल में फांसी दी गई थी और फिर जेल परिसर के अंदर ही उसे दफना दिया गया था.
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बंद सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मुहम्मद यासीन मलिक की अगुवाई वाले एक अलगाववादी समूह ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) द्वारा आहूत किया गया है, जिसने भट्ट के अवशेषों को उसके परिवार को सौंपने की मांग दोहराई है. श्रीनगर और घाटी के अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों में दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. बंद का असर सार्वजनिक परिवहन पर भी पड़ा है.
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अधिकारियों ने कुपवाड़ा जिले में भट्ट के गृहनगर त्रेहगाम सहित अन्य संवेदनशील स्थानों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी मात्रा में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
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