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कश्मीर की बड़ी मस्जिदों में जुमे की नमाज पर पाबंदियां जारी, हजरबल दरगाह में जलसे की अनुमति

अधिकारियों ने बताया कि मस्जिद के दरवाजे बंद रहे और बड़ी संख्या में सुरक्षाबल इलाके में तैनात रहे

Updated on: 15 Nov 2019, 07:24 PM

श्रीनगर:

केंद्र की ओर से पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधान खत्म करने की घोषणा के बाद लगातार 15वें हफ्ते श्रीनगर के नौहट्टा इलाके में स्थित जामिया मस्जिद में जुमे की सामूहिक नमाज नहीं हुई. अधिकारियों ने बताया कि मस्जिद के दरवाजे बंद रहे और बड़ी संख्या में सुरक्षाबल इलाके में तैनात रहे. उन्होंने बताया कि ऐसी आशंका है कि निहित स्वार्थ के लिए कुछ लोग जुमे की नमाज के लिए बड़ी मस्जिदों और दरगाहों में जुटने वाली भीड़ का इस्तेमाल राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में कर सकते हैं.

श्रीनगर के पुराने इलाके में स्थित ऐतिहासिक मस्जिद में करीब तीन महीने से जुमे की नमाज अदा करने की इजाजत नहीं दी गई है. हालांकि हजरबल दरगाह में साप्ताहिक जलसे की अनुमति है. प्रशासन ने बड़े पैमाने पर लोगों को एक साथ जुटने से रोकने के लिए दरगाह के आसपास कंटीले तार की बाड़ लगायी है. प्रशासन ने रविवार को ईद-मिलाद-उन नबी के मौके पर डल झील के किनारे स्थित दरगाह में भीड़ को जमा होने से रोकने के लिए सभी रास्तों को सील कर दिया. इससे पहले प्रशासन ने श्रीनगर के ख्वाजाबाज़ार इलाके में स्थित नक्शबंध साहब की दरगाह पर होने वाले पारंपरिक ‘खोजे दीगर’ जलसे पर भी रोक लगा दी. अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार की सुबह घाटी में अधिकतर दुकाने खुली रहीं लेकिन दोपहर को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए दुकानदारों ने दुकाने बंद कर दी. उन्होंने बताया कि गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार को सड़कों पर कम वाहन दिखे. हालांकि दसवीं एवं बारहवीं की परीक्षाएं पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत हो रही हैं. भाषा धीरज नरेश नरेश