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जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम में भी आतंकियों की घुसपैठ को रोक रहे पैरा ट्रूपर

उत्तर कश्मीर के ऊंचाई पर स्थित इलाके में ख़राब मौसम, आठ फुट गहरी बर्फ और कम दृश्यता भी जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों से मुकाबला करने में पांच जवानों के सेना के दस्ते को रोक नहीं पायी. भारत माता की रक्षा करते हुए इन जवानों ने अपनी जान की आहुति दे दी.

Updated on: 07 Apr 2020, 04:00 AM

श्रीनगर:

उत्तर कश्मीर के ऊंचाई पर स्थित इलाके में ख़राब मौसम, आठ फुट गहरी बर्फ और कम दृश्यता भी जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों से मुकाबला करने में पांच जवानों के सेना के दस्ते को रोक नहीं पायी. भारत माता की रक्षा करते हुए इन जवानों ने अपनी जान की आहुति दे दी.  इस  4-पैरा रेजिमेंट का यह दस्ता ‘‘बलिदान परम धरम’’ (बलिदान परम कर्तव्य है) के अपने मंत्र को चरितार्थ करते हुए पिछले सप्ताह शहीद हो गया.

अधिकारियों ने बताया कि कुपवाडा़ जिले के केरन सेक्टर में आतंकियों के एक समूह द्वारा घुसपैठ करने की खबरें मिलने के बाद दो अप्रैल को इस दस्ते को वहां तैनात किया था. आतंकवादियों के साथ शुरुआती मुठभेड़ के बाद यह साफ नहीं हो पाया था कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर लौट गए हैं या धुंध का फायदा उठा कर नियंत्रण रेखा के पास ही छिपे हुए हैं. दो दिनों तक कोई हरकत देखतने को नहीं मिली. शम्सबाड़ी रेंज के सेना के विशेष दस्ते का चार अप्रैल को आतंकियों से सामना हुआ जिसके बाद भयंकर गोलीबारी शुरू हो गई.

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इस समय सूबेदार संजीव कुमार (हिमाचल प्रदेश), हवलदार देवेंद्र सिंह (उत्तराखंड), पैरा ट्रूपर्स बाल कृष्ण (हिमाचल प्रदेश), अमित कुमार (उत्तराखंड) और छत्रपाल सिंह (राजस्थान) ने इलाके में घेराबंदी कर अपनी जान की परवाह न करते हुए अन्य दस्तों की मदद से आतंकवादियों का खात्मा किया.

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अधिकारियों ने बताया कि अन्य सैनिकों की मदद से इन पांच जवानों ने घुसपैठ करने वाले पांच आतंकवादियों को मार गिराया. उन्होंने कहा कि गोलीबारी के दौरान सूबेदार शहीद हो गए जबकि चार अन्य ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि मुठभेड़ के स्थान से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं. सेना के मुख्यालय में आयोजित पुष्पांजलि समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू ने बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. बाद में उनके पार्थिव शरीर को भारतीय वायु सेना के विमान में उनके घर भेजा गया.