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कश्मीरियों को सामान्य हालात के लिए करना होगा लंबा इंतजार?

कश्मीर घाटी में अधिकारियों ने काफी सावधानी के साथ धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए और जमीनी हालात पर रोजाना फैसला लेते हुए रविवार को और कई इलाकों में लगी पाबंदियों में ढील दी.

Updated on: 18 Aug 2019, 06:11 PM

श्रीनगर:

कश्मीर घाटी में अधिकारियों ने काफी सावधानी के साथ धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए और जमीनी हालात पर रोजाना फैसला लेते हुए रविवार को और कई इलाकों में लगी पाबंदियों में ढील दी. शहर के सिविल लाइन क्षेत्र में वाहनों की आवाजाही देखी गई. इसमें शहर के केंद्र में स्थित लाल चौक भी शामिल है, जो पिछले 13 दिनों से वीरान दिखाई दे रहा था.

हालांकि, रेजीडेंसी रोड के नजदीक लाल चौक पर कुछ दुकानें खुली रहीं. राजबाघ, जवाहर नगर, चनपोरा, बेमिना आदि अन्य इलाकों में दुकानें खुलीं. दुकानदार अपनी दुकानों में फिर से जरूरत का सामान रख रहे थे, जिसमें दवाइयां, ताजे फल और सब्जियां शामिल रहीं. इन दुकानों में रोजमर्रा की वस्तुओं की मांग सबसे ज्यादा थी.

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पेट्रोल पंप सामान्य रूप से संचालित होते देखे गए. पंपों के बाहर कहीं भी कतारें नहीं देखी गईं. राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि घाटी में 50 प्रतिशत टेलीफोन लाइनों को चालू कर दिया गया है और आने वाले दिनों में कई दूसरे एक्सचेंज को चालू कर दिया जाएगा.

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कश्मीर में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं कब तक चालू होंगी, इसे लेकर अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. इन सेवाओं को पांच अगस्त के बाद से बंद कर दिया गया था. पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने और जम्मू एवं कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किए जाने के बाद पहली बार रविवार को अधिकारियों ने पाबंदी में ढील देने की सोची है.

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एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "श्रीनगर के पुराने शहर इलाके, उत्तर कश्मीर के सोपोर शहर और घाटी के कुछ एक स्थानों को छोड़कर कुल मिलाकर पिछले 24 घंटों में कानून व्यवस्था शांतिपूर्वक रही है."

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श्रीनगर और घाटी के अन्य जिलों में सार्वजनिक परिवहन की कोई आवाजाही नहीं हुई. सामान्य स्थिति में शांतिपूर्ण वापसी सुनिश्चित करने के अपने प्रयास के तहत अधिकारियों ने फैसला लिया है कि सोमवार से घाटी में स्कूलों को खोल दिया जाएगा.