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जम्मू-कश्मीर को लेकर PDP ने रखी केंद्र सरकार के सामने ये तीन मांगे

इसमें सबसे पहले उन्होंने मांग की है कि राज्य में लोगों को जमीन का हक मिले

Updated on: 09 Jan 2020, 03:26 PM

नई दिल्ली:

पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार के सामने तीन मांगे रखी है. इसमें सबसे पहले उन्होंने मांग की है कि राज्य में लोगों को जमीन का हक मिले. वहीं जम्मू-कश्मीर में जो नेता हिरासत में लिए गए हैं उन्हें छोड़ा जाए. पीडीपी की तीसरी मांग है कि राज्य की विरासत को बचाने के लिए अनुच्छेद 371 लागू की जाए. 

क्या है अनुच्छेद 371?

अनुच्छेद 371 अपने राज्यों को खास अधिकार देता है जिसके तहत उस राज्य की धार्मिक और सामाजिक परंपरा, पारंपरिक कानून और प्रकिया सुरक्षित रहती है और इस पर न्याय प्रशासन, जमीन संसाधनों के स्वामित्व के संदर्भ में संसद की कोई भी कार्यवाही लागू नहीं होगी. हालांकि ये लागू तभी होगी जब राज्य विधानसभा इसे लागू करने के लिए प्रस्ताव पारित करेगा.

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बता दें, पीडीपी की ये तीन मांगे ऐसे समय में सामने आई है जब भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ आई जस्टर सहित 16 देशों के राजनयिक गुरुवार से जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं.  जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा पिछले वर्ष समाप्त किये जाने के बाद राजनयिकों का यह पहला दौरा है. इनमें बांग्लादेश, वियतनाम, नार्वे, मालदीव, दक्षिण कोरिया, मोरोक्को, नाइजीरिया आदि देशों के भी राजनयिक शामिल हैं.

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वहीं कांग्रेस ने इस दौरे को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘गाइडेड टूर’ बंद होना चाहिए और केंद्रशासित प्रदेश में सार्थक राजनीतिक गतिविधि शुरू होनी चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ‘हमारी आपत्ति राजनयिकों के इस दौरे के विषय में नहीं है. हमारी आपत्ति यह है कि जब हमारे नेता और सांसद जम्मू-कश्मीर में नहीं जा सकते तो फिर दूसरे देशों के राजदूतों को ले जाने का क्या मतलब है.’ उन्होंने कहा, ‘राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद को जम्मू-कश्मीर जाने के लिए उच्चतम न्यायालय जाना पड़ता है. जब संसदीय प्रतिनिधिमंडल नहीं जा सकता, विपक्ष के नेता नहीं जा सकते, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी नहीं जा सकते तो ऐसे में दूसरे देशों के राजनयिकों को वहां ले जाया गया है. ये बिल्कुल दोहरे मापदंड हैं.’