logo-image

कुपवाड़ा में हिमस्खलन की चपेट में भारतीय सेना के जवान, खोज और बचाव अभियान जारी

इस खबर की पुष्टि समाचार एजेंसी एनआई ने की है, समाचार लिखे तक कोई हताहत की खबर नहीं है

Updated on: 03 Dec 2019, 11:44 PM

श्रीनगर:

कुपवाड़ा जिले के तंगधार क्षेत्र में हिमस्खलन की चपेट में भारतीय सेना के जवान आ गए हैं. जवानों को बचाने के लिए खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. इस खबर की पुष्टि समाचार एजेंसी एनआई ने की है. हिमस्खलन की चपेट में कई जवान आ गए हैं. समाचार लिखे तक कोई हताहत की खबर नहीं है. राहत-बचाव कार्य जारी है. वहीं दो दिन पहले दुनिया का सबसे ऊंचा रणक्षेत्र कहे जाने वाले सियाचिन में एक बार फिर से हिमस्खलन की घटना हुई थी. जिसमें भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए थे. 

यह भी पढ़ें- धार्मिक भावनाओं को ‘आहत’ करने के लिए BJP विधायक के खिलाफ शिकायत

दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में शनिवार को जब भारतीय सेना के जवान पेट्रोलिंग कर रहे थे उसी वक्त बर्फीला तूफान आया. जिसकी चपेट में जवान आ गए. आर्मी की ऐवलांच रेस्क्यू टीम (एआरटी) को मौके पर भेजा गया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया. रेस्क्यू टीम ने बर्फ में दबे सभी जवानों को बाहर निकाला. सेना के हेलिकॉप्टर्स की मदद से उन्हें सुरक्षित जगह पर ले जाया गया. पूरी कोशिश के बावजूद दो जवानों को बचाया नहीं जा सका और वो शहीद हो गए. श्रीनगर में एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि सेना का गश्ती दल दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18,000 फुट की ऊंचाई पर गश्त कर रहा था जब शनिवार तड़के दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया.

यह भी पढ़ें- पूरे देश में NRC भाजपा की राजनीतिक जुमलेबाजी, कभी वास्तविकता नहीं बनेगी: ममता

उन्होंने बताया कि एक हिमस्खलन बचाव दल (एआरटी) तुरंत वहां पहुंचा और टीम के सभी सदस्यों का पता लगाने और उन्हें बाहर निकालने में कामयाब रहा. दल के साथ ही जवानों को बचाने के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों की भी सेवाएं ली गई. रक्षा प्रवक्ता ने बताया, ‘हालांकि, चिकित्सा टीमों के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद, सेना के दो कर्मियों की जान चली गई. बता दें कि इससे पहले 19 नवंबर को भी हिमस्खलन की घटना हुई थी. इसमें भारतीय सेना के 8 जवान फंस गए थे. तुरंत रेस्क्यू टीम ने 8 जवानों को बाहर निकाला. हेलिकॉप्टर की मदद से उन्हें सैन्य अस्पताल लगाया गया. गंभीर हालत में सेना की टीमों ने इन जवानों का इलाज शुरू किया. लेकिन 4 जवानों की हालत ज्यादा खराब हो गई. वे शहीद हो गए. इसके अलावा दो पोर्टरों की भी मौत हो गई.