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जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में हिजबुल के शीर्ष कमांडर की मौत

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष आतंकवादी को मार गिराया.

Updated on: 15 Jan 2020, 07:29 PM

जम्मू:

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ के दौरान हिजबुल मुजाहिदीन के एक शीर्ष आतंकवादी को मार गिराया, जबकि उसका एक साथी भाग निकलने में सफल रहा. जम्मू क्षेत्र के जनसंपर्क अधिकारी (रक्षा) लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि जिले के गोंडाना इलाके में सेना और पुलिस के जवानों की संयुक्त टीम की आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई.

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों को इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली थी. डोडा-किश्तवाड़-रामबन रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक सुजीत कुमार ने बताया कि मुठभेड़ में हिजबुल मुजाहिदीन का सदस्य हारून वानी मारा गया, जो ए ++ श्रेणी का आतंकवादी था. वह जिले के गट्टा इलाके का रहने वाला था. उन्होंने कहा कि एक अन्य आतंकवादी बर्फीले क्षेत्रों की ओर भाग गया और उसे पकड़ने के लिए अभियान जारी है. कुमार ने कहा कि एक एके-47 राइफल, तीन मैगजीन, 73 कारतूस, एक चीनी ग्रेनेड और एक रेडियो सेट बरामद किए गए हैं.

डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुमताज अहमद ने बताया कि संयुक्त टीमों ने कल रात तलाशी अभियान शुरू किया था और बुधवार सुबह आठ बजे वे वांछित आतंकवादी को मार गिराने में सफल रहे. हारून हिजबुल मुजाहिदीन का जिला कमांडर था. अधिकारियों ने बताया कि इंजीनियर गुलाम अब्बास वानी का पुत्र हारून पहली बार सुर्खियों में तब आया था जब एक एके-47 राइफल के साथ उसकी तस्वीर सितंबर 2018 में सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी और वह प्रतिबंधित संगठन में शामिल हुआ था.

हारून डोडा के गुलाम अब्बास वानी के आठ बच्चों में से एक था. अधिकारियों के अनुसार वानी के सभी बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने से पहले हारून ने कटरा विश्वविद्यालय से एमबीए पूरा किया और एक निजी कंपनी में काम कर रहा था. उसके रिश्तेदारों के अनुसार, वह एक होनहार छात्र था.