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गांधी जयंती पर सरकार ने लिया बड़ा फैसला, जम्‍मू-कश्‍मीर में खत्‍म हुई कुछ नेताओं की नजरबंदी

5 अगस्‍त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 370 को निष्‍प्रभावी कर दिया था. साथ ही राज्‍य को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में बांट दिया था.

Updated on: 02 Oct 2019, 11:09 AM

नई दिल्‍ली:

जम्‍मू-कश्‍मीर प्रशासन ने गांधी जयंती के मौके पर बड़ा कदम उठाते हुए कुछ नेताओं की नजरबंदी खत्‍म कर दी है. राज्‍य में अनुच्‍छेद 370 को निष्‍प्रभावी करने के मौके पर इन नेताओं को 5 अगस्‍त को एहतियातन नजरबंद कर दिया गया था. जिन नेताओं से नजरबंदी हटाई गई है, उनमें पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह, नेशनल कॉन्फ्रेंस के देवेंद्र राणा और एसएस सालाथिया, कांग्रेस के रमन भल्ला और पैंथर्स पार्टी के हर्षदेव सिंह आदि शामिल हैं.

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5 अगस्‍त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 370 को निष्‍प्रभावी कर दिया था. साथ ही राज्‍य को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में बांट दिया था. यह फैसला लेने के साथ ही सरकार ने राज्य के कई नेताओं को नजरबंद कर दिया था.

पूर्व मंत्री और डोगरा स्वाभिमान संगठन पार्टी के अध्यक्ष चौधरी लाल सिंह को भी नजरबंद किया था. लाल सिंह पहले जम्मू के नेता हैं, जिन्हें नजरबंद किया गया था. जम्मू के गांधीनगर में लाल सिंह को उनके सरकारी आवास से निकलने की इजाजत नहीं दी गई.

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इनके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारक अब्‍दुल्‍ला को भी नजरबंद किया गया है. इन नेताओं की नजरबंदी अभी खत्‍म नहीं की गई है. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि कश्मीर घाटी में लोगों को कैद किया जा रहा है.