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बाबा राम-रहीम के पैरोल पर मची रार, पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति के बेटे ने ये कहा..

गुरमीत राम रहीम दो साध्वियों से दुष्‍कर्म के मामले में सुनारिया जेल में सजा काट रहा है इसके अलावा राम रहीम को पत्रकार छात्रपति की हत्या के आरोप में 25 अगस्त 2017 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी,

Updated on: 26 Jun 2019, 10:28 AM

highlights

  • राम रहीम की पैरोल के लिए हरियाणा पुलिस ने की सिफारिश
  • राम रहीम ने खेती के लिए मांगी थी पैरोल
  • रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है राम रहीम

नई दिल्‍ली:

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पैरोल पर रिहा करने के लिए हरियाणा पुलिस की सिफारिश पर सिरसा के पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने पैरोल अर्जी का विरोध किया है. इसके अलावा दो मंत्रियों ने भी गुरमीत राम रहीम के पैरोल की पैरवी पर नाराजगी जताई है. गुरमीत राम रहीम दो साध्वियों से दुष्‍कर्म के मामले में सुनारिया जेल में सजा काट रहा है इसके अलावा राम रहीम को पत्रकार छात्रपति की हत्या के आरोप में 25 अगस्त 2017 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, राम रहीम पर लोगों नपुंसक बनाने, हत्या के कई अन्य मामलों व कई महिलाओं के साथ यौन शोषण के मामले भी दर्ज हैं. गुरमीत ने रोहतक की सुन‍ारिया जेल प्रशासन से पैरोल मांगा है. उसने 42 दिन के पैरोल की अर्जी दी है.

पिछले दिनों गुरमीत राम रहीम सिंह का पैरोल पर रिहाई का आवेदन किया था उसने कहा था कि मुझे अपने खेत संभालने के लिए पैरोल पर रिहा किया जाए. राम रहीम ने सुनारिया जेल के अधीक्षक को भेजे गए आवेदन पत्र में पैरोल की मांग की थी जिसे जेल अधीक्षक ने सिरसा कलेक्टर को भिजवाया था. आपको बता दें कि 25 अगस्त 2017 में गुरमीत राम रहीम को रेप के दो अलग-अलग मामलों में 10 -10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई है, पत्रकार छत्रपति की हत्या के आरोप में जनवरी में उम्र कैद, हत्या के एक अन्य आरोप में मुकदमा लंबित, गुरमीत पर लोगों को नपुंसक बनाने का भी आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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आपको बता दें कि राम रहीम हरियाणा के रोहतक में सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. उसकी पैरोल याचिका पर पुलिस अधीक्षक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि गुरमीत राम रहीम सिंह सजायाफ्ता है और जेल में बंद है. उन्होंने जारी किए गए पत्र में लिखा है कि सीबीआइ कोर्ट द्वारा राम रहीम के विरुद्ध 12 दिसंबर 2002 को दर्ज केस में सजा सुनाई गई है और जुर्माना भी किया गया है. उसे दो मामलों में दस-दस साल की सजा जेल में भुगतनी है. इसके अलावा एक अन्य केस में भी राम-रहीम को आजीवन कारावास व जुर्माना हुआ है इसके साथ ही पंचकूला कोर्ट में दो अन्य केस भी विचाराधीन है. ऐसी स्थिति में उसने बिखरे हुए डेरा सच्चा सौदा में दोबारा जान फूंकने के लिए पैरोल मांगा है.

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रोहतक के जेल अधीक्षक की ओर से उपायुक्त को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जेल में गुरमीत सिंह का अब तक का आचरण पहले से बेहतर रहा है. पिछले 2 साल से भी ज्यादा समय से जेल में रहते हुए गुरमीत सिंह ने कोई अपराध नहीं किया है. आपको बता दें कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को दो साध्वियों के यौन शोषण के मामलों में पंचकुला स्थित सीबीआइ कोर्ट ने दोषी करार दिया था. उसे अदालत ने दोनों मामले में 10-10 साल की अलग-अलग यानि कुल 20 साल कैद की सजा सुनाई थी.