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गुजरात दंगे पर जस्टिस नानावती-मेहता आयोग की अंतिम रिपोर्ट आज विधानसभा में होगी पेश

गुजरात के गोधरा में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. दंगे के 17 साल बाद अंतिम रिपोर्ट आई है

Updated on: 10 Dec 2019, 11:41 PM

गुजरात:

2002 गुजरात दंगों पर जस्टिस नानावती-मेहता आयोग की अंतिम रिपोर्ट बुधवार को विधानसभा में पेश की जाएगी. रिपोर्ट गुजरात के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा पेश करेंगे. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह रिपोर्ट पेश की जाएगी. 2002 गुजरात दंगे में कई लोगों की मौत हो गई थी. गुजरात के गोधरा में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी. दंगे के 17 साल बाद अंतिम रिपोर्ट आई है. इसे आज विधानसभा में पेश की जाएगी. विधानसभा का कल का दिन काफी महत्वपूर्ण है. इस रिपोर्ट से कई लोगों की उम्मीद बंधी है.

2002 में दंगों के दौरान गुजरात पुलिस पर इस मामले में ढिलाई के आरोप लगे थे. तीन दिन तक चली हिंसा में 790 मुस्लिम और 254 हिंदू मारे गए. 223 लोग लापता हो गए. आरोप लगते हैं कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी दंगाइयों को रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई नहीं की. उन्होंने पुलिस दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई न करने के आदेश दिए. यह अलग बात है कि तमाम आरोपों के बाद केंद्र की यूपीए सरकार जो कांग्रेस के नेतृत्व में बनी थी, ने दंगों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था जिसने अपनी रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दे दी थी.

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वहीं इससे पहले गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में गुजरात हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों की सजा फांसी से उम्रकैद में बदल दी थी. साथ ही हाईकोर्ट ने रेलवे और सरकार को अहम आदेश देते हुए कहा कि वह गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में जान गंवाने वाले सभी लोगों को 10 लाख रुपये 6 हफ्ते के भीतर दे. एसआईटी कोर्ट ने 1 मार्च, 2011 को गोधरा ट्रेन अग्निकांड मामले में 31 लोगों को दोषी पाया था और 63 को बरी कर दिया था. अदालत ने दोषी पाए गए लोगों में से 11 लोगों को फांसी और 20 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

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साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर आग लगा दी गई थी. जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे. गोधरा ट्रेन अग्निकांड में मारे गए अधिकतर लोग कार सेवक थे जो अयोध्या से लौट रहे थे. मामले की जांच करने के लिये गुजरात सरकार की तरफ से गठित नानावती आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि एस-6 कोच में लगी आग दुर्घटना नहीं थी, बल्कि उसमें आग लगाई गई थी.