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समाज में सिर उठाकर जीने के लिए LGBTQ+ समुदाय ने वडोदरा में निकाली गौरव यात्रा

LGBTQ+ समुदाय के लोग रंग-बिरंगे पोशाक में नजर आए, अपने हाथों में नारे लिखे तख्तियां लेकर चल रहे थे

Updated on: 01 Jul 2019, 07:18 AM

highlights

  • LGBT ने निकाली गौरव यात्रा
  • समाज का हिस्सा बनने के लिए परेड की
  • सबसे पहले अमेरिका में की गई थी परेड

नई दिल्ली:

lesbian gay bisexual transgender (LGBTQ+ community) ने गुजरात के वडोदरा में गौरव परेड मार्च निकाला. मार्च में कई लोगों ने भाग लिया. इस समुदाय के लोग रंग-बिरंगे पोशाक में नजर आए. अपने हाथों में नारे लिखे तख्तियां लेकर चल रहे थे. यात्रा में सबसे आगे दो लोग बैनर लेकर चल रहे थे. एक नारे में लिखा था कि Dad we need to talk. अर्थात डैड मुझे आपसे बात करने की जरूरत है. वहीं दूसरे नारे में लिखा था What is normal anyways.

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यह गौरव परेड पूरे LGBTQ+ community के लिए उत्सव और आजादी का प्रतीक माना जाता है. यह LGBT की गौरव यात्रा है. इसका आयोजन खुद की पहचान पर गर्व करने के लिए किया जाता है.यात्रा में भाग लेने वाले लोगों का मानना है कि LGBT समुदाय के लोगों को मुंह छिपाना न पड़े. समुदाय के लोग सिर उठाकर समाज का हिस्सा बन सके. इसलिए इस परेड का आयोजन किया जाता है. गौरव परेड को कई नामों से पुकारा जाता है. प्राइड वॉक, प्राइड मार्च, गे परेड, गे प्राइड, गे वाक, समलैंगिक और ट्रांसजेंडरों का जुलूस भी कहा जाता है.

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इसकी शुरुआत सबसे पहले अमेरिका में हुई थी. अमेरिका में जब गे का विरोध होने लगा था. इसके विरोध में जितने भी समलैंगिक और ट्रांसजेंडर थे, वे सड़कों पर उतर आए. इस तरह से यह दुनिया की पहली प्राइड परेड बन गई.