गुजरात की जेलों में कैदियों से सीधी मुलाकात बंद, वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी बात
अगर किसी कैदी या फिर उसके परिजन को जरूरत पड़ने पर सिर्फ वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए बात कराई जाएगी. कैदियों के जेल से अदालत में पेशी पर भी पाबंदी लगा दी गई है. यह काम भी विशेष हालात में वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए ही होगा.
अहमदाबाद:
कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए गुजरात राज्य की जेलों में बंद कैदियों की सीधी मुलाकात तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है. अगर किसी कैदी या फिर उसके परिजन को जरूरत पड़ने पर सिर्फ वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए बात कराई जाएगी. कैदियों के जेल से अदालत में पेशी पर भी पाबंदी लगा दी गई है. यह काम भी विशेष हालात में वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए ही होगा.
गुजरात के जेल महानिदेशक के.एल.एन. राव ने बताया कि गुजरात राज्य की कुल 33 जेलों में फिलहाल 14 हजार से कुछ ज्यादा कैदी हैं. इनमें अधिकांश संख्या विचाराधीन (अंडर ट्रायल) कैदियों की है. एक अनुमान के मुताबिक राज्य की तकरीबन सभी जेलों की संख्या को अगर जोड़ा जाए तो करीब 9500 से ज्यादा तो विचाराधीन कैदी ही बंद हैं. बचे हुए बाकी सभी कैदी सजायाफ्ता हैं.
राव ने आगे कहा, "सभी जेलों में मेडिकल, पैरा-मेडिकल स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ा दिया गया है। हर जेल में सेनेटाइजर और साबुर के इंतजाम किए गए हैं. एक सवाल के जबाब में राव ने बताया, "राज्य की जेलों में करीब 500 से ज्यादा महिला कैदी हैं. सबसे ज्यादा कैदियों की संख्या अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा और राजकोट जेल में है. राज्य की सबसे बड़ी जेल होने के चलते अहमदाबाद सेंट्रल जेल में कैदियों की संख्या भी 3000 हजार से ज्यादा है.
राज्य की विदेशी जेलों में बंद कैदियों के बारे में डीजी जेल राव ने कहा, हमारी जेलों में फिलहाल 95 विदेशी कैदी हैं. इनमें भी अधिकांश कैदी पाकिस्तानी मछुआरे हैं. पाकिस्तानी कैदियों की संख्या 50 के करीब होगी. बाकी बचे कैदी अन्य देशों के हैं. कोरोना जैसी महामारी के सामने आने के बाद जेलों में कैदियों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में राव ने कहा कि संदिग्ध कैदियों के लिए हर जेल में एक अलग आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है. जेल में जो नए कैदी आ रहे हैं, उन्हें पहले कुछ दिन अलग वार्डस में रखा जा रहा है. तीन चार दिन बाद मेडिकल चैकअप में सब कुछ ओके आने के बाद ही नए कैदियों का जेल के अंदर प्रवेश होने दिया जा रहा है.
राव ने बताया कि संक्रमण से बचाव के साथ साथ जेलों में साफ-सफाई का भी ध्यान रखने के विशेष निर्देश दिए गए हैं. साफ-सफाई के लिए राज्य की सभी जेलों में अतिरिक्त तादाद में फिनायल इत्यादि की व्यवस्था की जा चुकी है. सभी कैदियों को बार बार बताया जा रहा है कि, कोरोना से बचाव में हर किसी की सावधानी ही एक दूसरे का बचाव करेगी. लिहाजा इन दिशा-निर्देशों के बाद से अब कैदी आपस में ही खुद एक दूसरे को जागरूक कर रहे हैं. साथ ही जेल में सोशल डिस्टेंसिंग भी अमल में लाई जा रही है.
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