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तीन तलाक की शिकार महिला ने दी जान देने की कोशिश, मंगलवार को ही कानून बनने का रास्ता हुआ साफ

पति द्वारा एक बार में तीन तलाक बोलने से आहत एक मुस्लिम महिला ने बुधवार को आत्महत्या करने की कोशिश की. हालांकि समय रहते उसे बचा लिया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

Updated on: 31 Jul 2019, 02:16 PM

highlights

  • तीन तलाक से आहत अहमदाबाद की महिला ने की आत्महत्या की कोशिश.
  • फिलहाल अस्पताल में कर रही जिंदगी और मौत से संघर्ष.
  • महिला की शिकायत पर केस दर्ज. दो छोटे बच्चे हैं महिला के.

नई दिल्ली.:

मंगलवार को ही राज्यसभा में तीन तलाक के खिलाफ विधेयक पारित हुआ और बुधवार को इस कुप्रथा के बदसूरत चेहरे को सामने लाती एक खबर अहमदाबाद से सामने आ रही है. वहां पति द्वारा एक बार में तीन तलाक बोलने से आहत एक मुस्लिम महिला ने बुधवार को आत्महत्या करने की कोशिश की. हालांकि समय रहते उसे बचा लिया गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया है. महिला ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज कराया है.

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दो छोटे बच्चे हैं पीड़िता के
मुस्लिम समाज में तीन तलाक के रूप में व्याप्त कुप्रथा का यह कुरूप चेहरा बुधवार को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में सामने आया है. तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक का शिकार महिला फिलहाल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है. इस महिला के दो छोटे बच्चे हैं. फिलहाल स्थानीय पुलिस ने महिला की शिकायत पर उसके शौहर और ससुराल पक्ष के अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसकी पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है.

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मंगलवार को ही राज्यसभा में पास हुआ विधेयक
गौरतलब है कि मंगलवार को राज्यसभा में तीन तलाक को अपराध बनाता 'मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019' पास हुआ है. इसके तहत तीन तलाक के मामले में दोषी पाए जाने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है. अभी तक मुस्लिम समाज तीन तलाक को धर्मसम्मत बता उसका निपटारा शरीयत के हिसाब से ही करने की बात करता था, लेकिन अब कानून बन जाने के बाद मुस्लिम महिला को कानूनी संरक्षण मिल गया है. इसके साथ ही वह पति से गुजारा भत्ता और बच्चों का संरक्षण हासिल करने की भी अधिकारी हो गई है.