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केजरीवाल के दबाव में केंद्र ने अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को दिया मालिकाना हक: AAP

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक विधेयक को मंजूरी दी जो दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के 40 से 50 लाख निवासियों को मालिकाना हक देने का कानूनी ढांचा प्रदान करता है

Updated on: 21 Nov 2019, 09:37 PM

दिल्ली:

आम आदमी पार्टी ने गुरुवार को दावा किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्र द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने का निर्णय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लगातार मांग और दबाव के चलते लिया गया. केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को एक विधेयक को मंजूरी दी जो दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के 40 से 50 लाख निवासियों को मालिकाना हक देने का कानूनी ढांचा प्रदान करता है. राज्यसभा सदस्य एवं आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा, ‘‘हम इस मामले में तुरंत एक अध्यादेश की मांग करते हैं और रजिस्ट्री तत्काल शुरू होनी चाहिए.

अनधिकृत कालोनियों के लोगों को पहले भी इसी प्रकार धोखा दिया गया है और हम नहीं चाहते कि भाजपा फिर से वही काम करे.’’ सिंह ने दावा किया कि दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने की अरविंद केजरीवाल की लगातार मांग के कारण केंद्र सरकार पर काफी दबाव था जिसके चलते उसे संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाना पड़ा. प्रस्तावित विधेयक में अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों के लिए जनरल पावर ऑफ अटार्नी (जीपीए) संबंधी प्रावधान किए गए हैं. अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने का निर्णय राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वे लाखों गरीब प्रवासी मतदाता लाभान्वित होंगे .