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JNU मुद्दे को राजनीतिक रूप से मुखर करना चाहती हैं छात्रसंघ अध्यक्ष आइशा घोष

आइशा घोष ने बताया कि सीपीआई और सीपीएम से बाकायदा बात हो चुकी है, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी इनके संपर्क में है.

Updated on: 19 Nov 2019, 05:57 PM

नई दिल्‍ली:

जेएनयू में छात्रों का गतिरोध अभी जारी है जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशा घोष ने कहा कि अब वो इस आंदोलन को राजनीतिक बनाएंगी और विपक्षी की पार्टियों के साथ अपनी आवाज को मुखर करेंगी. अभी तक जेएनयू छात्र संगठन पर राजनीति करने का आरोप था, लेकिन अब छात्र संघ के अध्यक्ष खुद कह रही है कि वह चाहते हैं कि जेएनयू का मुद्दा राजनीतिक रूप से मुखर होकर उठे. इसके लिए सीपीआई और सीपीएम से बाकायदा बात हो चुकी है, जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता भी इनके संपर्क में है.

मंत्रालय मांगे रजिस्टर और वाइस चांसलर का इस्तीफा
कल ज्वाइंट सेक्रेट्री से हमारी बैठक हुई जो खुद मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा बनाई गई हाई लेवल कमेटी के सदस्य हैं. तब उन्होंने जेएनयू के रजिस्ट्रार को बुलाया और उन्होंने मिलने से इंकार कर दिया. ऐसे ही वाइस चांसलर भी हम से संवाद नहीं कर रहेष मैं सरकार से अपील करती हूं कि वॉइस चांसलर और रजिस्ट्रार दोनों का इस्तीफा मांगा जाए.

दिल्ली पुलिस के खिलाफ जाएंगे न्यायालय
हम अपने साथियों से बात करने के बाद दिल्ली पुलिस द्वारा छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज पर मुकदमा दायर करने की सोच रहे हैं. उम्मीद है कि हम इस मामले को कोर्ट तक लेकर जाएंगे.

सकारात्मक रही बैठक लेकिन चाहिए पूरा रोलबैक
कल की बैठक सकारात्मक रही लेकिन इससे पहले हमारी रमेश पोखरियाल निशंक से भी अच्छी बातचीत हुई थी पर बातचीत से मसले का हल नहीं निकल पा रहा. हमें सरकार द्वारा बढ़ाए गए फी स्ट्रक्चर पर पूरा रोलबैक चाहिए.


फिलहाल आंदोलन कैंपस के अंदर रहेगा
देर रात हम अपने साथियों के साथ आगे की आंदोलन पर विचार करेंगे लेकिन ,फिलहाल हमारा आंदोलन जेएनयू कैंपस के अंदर ही रहने वाला है और हम अभी कैंपस से बाहर विरोध प्रदर्शन नहीं करेगें.

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वाइस चांसलर हमसे भी नहीं करते मुलाकात
जेएनयू के जातक शिक्षक छात्र संघ का समर्थन करते हैं, हमें लगता है कि सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए. शिक्षा सस्ती और अच्छी मिलनी चाहिए यह सबका हक है.जेएनयू के प्रोफेसरों ने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि, वह छात्रों के साथ साथ टीचरों से भी मुलाकात नहीं करते हैं. वॉइस चांसलर का दायित्व है कि वह छात्रों और टीचरों के साथ संवाद करें.

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दिल्ली पुलिस और सरकार की निंदा
धरना प्रदर्शन पर बैठे छात्रों ने कहा हम अपनी जायज हक मांग रहे और प्रदर्शन कर रहे छात्रों के ऊपर लाठीचार्ज करने की हम निंदा करते हैं. सरकार को भी चाहिए कि वह जेएनयू प्रशासन से बात करके, बढ़ी हुई फीस वापस लें.