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कोरोना वायरस के संकट के बीच सोनिया गाँधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को दुविधा में डाला

कोरोना वायरस के संकट के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 21 दिनों के बंद का समर्थन करते हुए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि ''न्यूनतम आय गारंटी योजना'' (न्याय-Nyay) लागू किया जाये.

Updated on: 26 Mar 2020, 12:35 PM

दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने 21 दिनों के बंद का समर्थन करते हुए बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से आग्रह किया कि ''न्यूनतम आय गारंटी योजना'' (न्याय-Nyay) लागू करके आजीविका के संकट का सामना कर रहे मजदूरों एवं गरीबों के खातों में आर्थिक मदद भेजी जाए और किसानों एवं छोटे कारोबारियों को राहत देने के लिए कदम उठाए जाएं. प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सोनिया ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण पैदा हुए इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ी है.

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उन्होंने कहा, ''कोरोना वायरस की महामारी ने लाखों लोगों का जीवन खतरे में डाल दिया है तथा पूरे देश में खासकर समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लोगों की आजीविका एवं रोजमर्रा के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. कोरोना महामारी को रोकने व हराने के संघर्ष में पूरा देश संगठित होकर एक साथ खड़ा है.'' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''कोराना वायरस से लड़ने के लिए आपकी सरकार द्वारा घोषित ‘21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन’ का हम समर्थन करते हैं. मैं विश्वास दिलाती हूँ कि इस महामारी को रोकने के लिए उठाए गए हर कदम में हम सरकार को अपना पूरा सहयोग देंगे.''

कांग्रेस अध्यक्ष ने आग्रह किया कि कोरोना वायरस से लड़ रहे चिकित्साकर्मियों के लिए एन-95 मास्क एवं दूसरे सभी स्वास्थ्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं . उन्होंने कहा कि मजदूरों और गरीबों को राहत देने के लिए न्याय योजना लागू करके उनके खातों में सीधी आर्थिक मदद भेजी जाए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ''इस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित ‘न्याय योजना’ यानि ‘न्यूनतम आय गारंटी योजना’ को लागू करना सबसे ज्यादा जरूरी है. इस मुश्किल दौर में जिन गरीबों पर इस महामारी की सबसे ज्यादा आर्थिक मार पड़ने वाली है, उन्हें न्याय योजना से सबसे अधिक राहत मिलेगी.''

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दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव के समय ठीक एक साल पहले तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मार्च को ‘न्याय’ का वादा किया था. इसके तहत देश के करीब पांच करोड़ गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा किया गया था. सोनिया ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया, ''इस विपदा की घड़ी में किसानों के रिण व बकाया राशि की वसूली को 6 महीनों के लिए रोक दिया जाना चाहिए एवं नए सिरे से तथा उदार हृदय से किसानों की कर्जमुक्ति के बारे में निर्णय लिया जाना चाहिए.''

उन्होंने छोटे एवं मध्यम व्यापारियों की दिक्कतों का उल्लेख करते हुए कहा, ''केंद्र सरकार को हर सेक्टर के लिए विशेष राहत पैकेजों की घोषणा करनी चाहिए तथा उन्हें आवश्यक टैक्स ब्रेक, ब्याज माफी एवं देनदारियों पर छूट अनिवार्य होना चाहिए.''