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शाहीनबाग में हो रहे प्रदर्शन के चलते वहां के रिहायशियों को हो रही बड़ी परेशानी

आइये जानते हैं कि शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के चलते वहां के रहायशियों को किन परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है.

Updated on: 25 Jan 2020, 12:54 PM

नई दिल्ली:

पिछले कई दिनों से शाहीनबाग में हो रहे नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन जारी है. इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं. इस प्रदर्शन के चलते आस पास के लोगों को भी काफी परेशानी हो रही है. लेकिन ये प्रदर्शन जारी ही है. प्रदर्शनकारी सड़क को खाली करने को तैयार नहीं है. बता दें कि जब से मोदी सरकार सीएए यानी कि नागरिकता संशोधन कानून को पास किया है तब से देश भर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में विरोध की लहर है . आइये जानते हैं कि शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के चलते वहां के रहायशियों को किन परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है.

15 दिसंबर , जिस दिन से ये प्रदर्शन शुरू हुआ है , उस दिन से ही कालिंदी कुंज ब्रिज और शाहीन बाग के बीच की सड़क को दिल्ली पुलिस ने बंद कर दिया है.

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· ओखला बर्ड सेंचुरी , मेट्रो स्टेशन के राउंडअबाउट पर , कालिंदी कुंज ब्रिज , आम्रपाली रोड , जीडी बिरला मार्ग , विश्वजी सड़क और अपोलो अस्पताल के पास बैरिकेडिंग लगा दी गई है.
· इसका नतीजा ये हुआ है कि अपोलो अस्पताल से नोएडा , फरीदाबाद से नोएडा और नोएडा से सरिता विहार जाने वालों को डायवर्जन से होकर गुजरना पड़ रहा है.
· डीएनडी फ्लाईवे , मथुरा रोड , अक्षरधाम रोड आने जाने वालों के लिए वैकल्पिक मार्ग बन गए हैं , जो सुबह-शाम में पीक आवर के दौरान खचाखच भर जाते हैं और जाम की स्थिति पैदा हो जाती है.
· फरीदाबाद और नोएडा को जोड़ने वाली बसों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वह शाहीन बाग से होकर नहीं गुजर पा रही हैं. ओखला बर्ड सेंचुरी पर भारी भीड़ देखी जा सकती है , क्योंकि शाही बाग की वजह से बंद रोड से बचने के लिए बहुत से लोग मेट्रो का सहारा ले रहे हैं.
· बहुत से लोगों ने कहा है कि वह रोज इतनी लंबी दूरी तय कर-कर के और पैसे खर्च कर थक चुके हैं.
· दिल्ली पुलिस का मानना है कि आश्रम वाली रोड बंद होने से सबसे अधिक दिक्कत हो रही है , जहां से पीक आवर्स में रोजाना करीब 3.5 लाख गाड़ियां गुजरती हैं.
स्कूल जाने वाले बच्चे भी परेशान
· जामिया , सरिता बिहार , जसोला की सड़कें बंद है. इन इलाकों में रहने वाले लोग परेशान हैं.
· सबसे ज्यादा परेशानी स्कूल जा रहे बच्चों को हो रही है.
· सड़क ब्लॉक होने की वजह से स्कूल वैन , बस और ऐम्बुलेंस की गाड़ियां भी नहीं निकल पा रही थीं.
· लोग बच्चों को स्कूल मेट्रो से भेज रहे थे और परीक्षाओं की तारीख भी नजदीक आ रही थी. ऐसे में अभिभावकों को यह चिंता सता रही थी , उनके बच्चे स्कूल सही समय पर कैसे पहुंचेंगे.

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सुनवाई
· प्रदर्शन के कारण हो रही परेशानी पर स्कूली छात्रों ने दी थी याचिका.
· उच्च न्यायालय ने कहा , दिल्ली पुलिस मामले में हस्तक्षेप करे.
कारोबार को नुकसान
टेंट के एक तरफ फैक्ट्री आउटलेट्स की लाइन है , जहां पर डिस्काउंट के साथ ब्रांडेड कपड़े बिकते हैं. लेकिन 15 दिसंबर से ही ये दुकानें बंद पड़ी हैं.
एक अनुमान के मुताबिक अब तक करीब 1000 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है.

प्रदर्शन की शुरुआत

· इस प्रदर्शन की शुरुआत 15 दिसंबर 2019 की रात को कुछ पुरुषों और करीब 15 महिलाओं के साथ शुरू हुआ था.

· ये लोग दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के थे , जो नागरिकता कानून ( CAA), रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स ( NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर ( NPR) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

· वीकेंड पर यहां भीड़ काफी बढ़ जाती है. सड़क के एक तरफ टेंट लगाया है और दूरी तरह ग्रैफिटी पेंट की गई हैं , जिसे भी ब्लॉक किया हुआ है , जिसके चलते पास के अपोलो अस्पताल तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है.

· यहां इंडिया गेट भी बनाया गया है और लोहे का 25 फुट का भारत का एक नक्शा है , जिसका वजन 2.5 टन है. इस पर लिखा है- ' हम भारत के लोग सीएए , एनआरसी , एपीआर नहीं मानते. '