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सीलमपुर हिंसा केस: दिल्ली की अदालत ने 14 आरोपियों की कस्टडी 16 जनवरी तक बढ़ाई

दिल्ली की एक अदालत ने सीलमपुर इलाके में (Seelampur violence case) नागरिकता संशोधन कानून (CAA Protest) के खिलाफ प्रदर्शन करने के बहाने हिंसा फैलाने वाले 14 आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है.

Updated on: 02 Jan 2020, 04:20 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली की एक अदालत ने सीलमपुर इलाके में (Seelampur violence case) नागरिकता संशोधन कानून (CAA Protest) के खिलाफ प्रदर्शन करने के बहाने हिंसा फैलाने वाले 14 आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है. कोर्ट ने 16 जनवरी तक 14 आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाई दी है. साथ ही इस मामले में पहले ही दो आरोपियों को मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दे दी गई थीं.

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बता दें कि कोर्ट ने पिछले दिनों सीलमपुर हिंसा केस में 14 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. आरोपियों की ओर से पेश किए गए सीनियर एडवोकेट रेबेका जॉन एड मामले में कहा था कि इस मामले में सभी आरोप ज़मानती है. रेबेका ने कहा था कि इस बात की संभावना है कि वो नमाज अता करने के लिए इकट्ठे हुए हो, लेकिन पुलिस ने जिसे देखो, उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों में से एक की उम्र 15 वर्ष है. जब अदालत ने उसकी उम्र जानने के लिए उसकी आईडी मांगी तब उसने जवाब दिया कि उसकी आईडी उसके फोन में है और वो पुलिस के कब्जे में है.

वहीं, पुलिस अधिकारियों ने इस बात का दावा किया है कि इस लड़के की उम्र 15 वर्ष नहीं बल्कि 23 वर्ष है. आरोपियों के वकील ने कहा कि ये डेली वेज पर काम करते हैं, कारपेंटर हैं. वो एक दूसरे को जानते तक नहीं है, फिर कॉमन इंटेंशन कैसे हो सकता है. वो वहां नमाज पढ़ने के लिए आए थे और पुलिस ने जिसे चाहा, उसे पकड़ लिया पुलिस का मकसद बस उन्हें किसी तरह कस्टडी में रखना है. वहीं, सरकारी वकील ने कहा कि सीलमपुर हिंसा मामले में अभी जांच जारी है. प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया गाड़ियां फूंकी गई एक सुनियोजित साजिश के तहत ये सब हुआ इसलिए कोर्ट से आग्रह किया कि सभी आरोपियों को जेल भेजा जाए.

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बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में मंगलवार को पुलिस और सीएए (CAA Protest) विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच हुए संघर्ष में भीड़ ने पुलिस पर खुल कर 'पेट्रोल-बम (Petrol Bomb)' फेंके थे. ये बम देसी फार्मूले से बनाए गए थे. इन बमों को बनाने के लिए ज्यादा सामान की जरूरत नहीं पड़ती है. एक जगह से दूसरी जगह लाने ले जाने में भी ज्यादा जोखिम नहीं रहता है और इनका हमला कई गुना ज्यादा प्रभावी और घातक होता है.