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लॉकडाउन की वजह से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर घटा, हवा इतनी साफ हो गई है कि आंकड़े देख आप चौंक जाएंगे

कोरोना वायरस (Coronavirus) का मुकाबला करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के फलस्वरूप गाड़ियों के सड़कों से गायब हो जाने एवं कल-कारखानों के बंद हो जाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण (Pollution) का स्तर घटा है.

Updated on: 07 Apr 2020, 04:57 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) का मुकाबला करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के फलस्वरूप गाड़ियों के सड़कों से गायब हो जाने एवं कल-कारखानों के बंद हो जाने के कारण दिल्ली में बड़े प्रदूषकों (Pollution)-पीएम 2.5, पीएम 10 और नाइट्रोजन ऑक्साइड में कम से कम 50 फीसद गिरावट आई है. ये तीनों ही प्रदूषक सबसे खतरनाक प्रदूषकों में से कुछ हैं और लंबे समय तक इनसे घिरे रहने से सांस की गंभीर परेशानी हो सकती है.

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पीएम 2.5 ऐसे कण होते हैं, जिनका व्यास ढाई माइक्रोमीटर से कम होता है. पीएम 10 ऐसे कण होते हैं, जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर से भी कम होता है. नाइट्रोजन ऑक्साइड वाहनों से निकलती है. केंद्र सरकार के सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एडं वेदर फोरकास्टिंग एडं रिसर्च (सफर) के विश्लेषण के अनुसार, दिल्ली में इन तीनों प्रदूषकों में सबसे अधिक कमी नजर आई है.

सफर ने मुम्बई, पुणे और अहमदाबाद के लिए भी ऐसा ही विश्लेषण किया. भारत कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर फिलहाल सबसे बड़े लॉकडाउन के अंतर्गत है, ऐसे में करीब एक अरब 30 करोड़ लोगों को घरों में रहने को कहा गया है. इस महामारी के चलते भारत में 117
लोगों की मौत हो चुकी है और 4421 लोग इसकी गिरफ्त में आए हैं. इस लॉकडाउन के तहत उद्योगों को बंद कर दिया गया है और लोगों से अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है.

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फलस्वरूप देश में यातायात काफी घट गया है. सफर के आंकडे के अनुसार, लॉकडाउन से पहले मार्च के दूसरे सप्ताह एवं अप्रैल के पहले सप्ताह (छह अप्रैल) की तुलना की गई और पाया गया कि पीएम 2.5 में 62 फीसद, पीएम 10 में 57 फीसद एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड में 50 फीसद कमी आई. मुम्बई में पीएम 2.5 में 45 फीसद, पीएम 10 में 51 फीसद एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड में 60 फीसद कमी आई. इसी तरह पुणे में पीएम 2.5 में 31 फीसद, पीएम 10 में 32 फीसद एवं नाइट्रोजन ऑक्साइड में 50 फीसद कमी आई है.