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दिल्‍ली के प्रदूषण पर Odd-Even का क्‍या रहा असर, जानें दिन भर का पूरा घटना क्रम

दिल्‍ली को प्रदूषण (Pollution in Delhi) के कहर से बचाने के लिए आज यानी 4 नवंबर से Odd-Even लागू हो गया है. पहले दिन जहां दिल्‍ली सरकार इसे सफल बताने में जुटी हुई है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले पर सवालों की झड़ी लगा दी.

Updated on: 04 Nov 2019, 08:40 PM

नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली को प्रदूषण (Pollution in Delhi) के कहर से बचाने के लिए आज यानी 4 नवंबर से Odd-Even लागू हो गया है. पहले दिन जहां दिल्‍ली सरकार इसे सफल बताने में जुटी हुई है तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के इस फैसले पर सवालों की झड़ी लगा दी. इसके अलावा बीजेपी भी इसको लेकर हमलावर रही. इन सबके बीच आईए जानें कि आज इस ऑड-ईवन से दिल्‍ली की हवा पर क्‍या असर पड़ा..

ऑड-ईवन का पहला दिन 4 नवंबर 2019
लोकेशन
सुबह 8:00:00 बजे शाम 7:00:00 बजे अंतर
AQI PM2.5 PM10 AQI PM2.5 PM10 AQI PM2.5 PM10
आनंद विहार ANAND VIHAR 465 465 448 408 408 366 -57 -57 -82
मथुरा रोड MATHURA ROAD 437 437 357 388 388 312 -49 -49 -45
बवाना BAWANA 472 472 400 416 416 352 -56 -56 -48
आईटीओ ITO 434 434 333 383 383 270 -51 -51 -63
लोधी रोड LODHI ROAD 393 393 291 362 362 252 -31 -31 -39
  • दिल्ली में आज से सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक अगले 15 नवम्बर तक ऑड ईवन लागू है
  • एयर क्वालिटी इंडेक्स में फ़र्क़ साफ़ नज़र आ रहा है
  • एयर क्वालिटी इंडेक्स में कमी आई है , पीएम 2 .5 और पीएम 10 भी कम हुआ है
  • कल के मुक़ाबले आज सुबह से ही मौसम ज़्यादा बेहतर हुआ है
  • प्रदूषण में बायो मॉस यानी पराली , पत्ते और लकड़ी जलने की हिस्सेदारी 14 % है
  • 31 अक्टूबर को बायो मॉस बायो मास का योगदान 44 % था
  • साफ़ है की दिल्ली में सुबह के मुक़ाबले शाम तक प्रदूषण कम हुआ है
  • सिर्फ ऑड ईवन नहीं बल्कि पराली के कम जलाने से भी प्रदूषण कम हुआ है
  • 31 अक्टूबर के बाद से ही प्रदूषण में बायो मॉस का प्रतिशत लगातार कम हो रहा है

दिल्ली में Odd Even नहीं मानने वाले 192 लोगों का अब तक कटा चालान

राजधानी में ऑड इवन के पहले दिन 200 के आसपास और नंबर की गाड़ियों के चालान हुए, इस आंकड़े से एक तरफ यह जाहिर होता है कि आम लोग ऑड इवन के नियम को लेकर जागरूक थे, दूसरी और यह भी सामने आया है की ट्रैफिक पुलिस ने पहला दिन होने की वजह से और नंबर की गाड़ियों का चालान करने में नरमी भी बरती.

केजरीवाल सरकार पर SC सख्त, पूछा- ऑड-ईवन से मिलेगा क्या?

दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक तरफ चिंता जताई है, तो दूसरी तरफ दिल्ली सरकार (Delhi Government) की ऑड-ईवन स्कीम (Odd-Even scheme) पर सवाल भी खड़े किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से पूछा कि ऑड-ईवन स्कीम प्रदूषण रोकथाम में कैसे सहायक होगी. इससे क्या फायदा होने वाला है? सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा ने केजरीवाल सरकार से पूछा, 'ऑड-ईवन (Odd-Even scheme) स्कीम प्रदूषण रोकथाम में कैसे सहायक होगी? अगर लोग आने जाने के लिए ज़्यादा ऑटो रिक्शा और टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं. फिर इस ऑड- ईवन स्कीम लागू करने का मकसद क्या है. इससे क्या फायदा होने वाला है?'

जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि कारें सबसे कम प्रदूषण करती हैं. तो दिल्ली में ऑड-ईवन लागू करने से आपको क्या मिल रहा है?

डीजल की गाड़ियों पर रोक लगाते तो समझ में आता, लेकिन इस स्कीम से क्या मिलेगा

कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि अगर आप प्रदूषण की रोकथाम के लिए डीजल गाड़ियों पर रोक लगाते है, तो समझ में आता है. पर odd-even स्कीम लागू करने का मकसद क्या है ? आप इस स्कीम के जरिये एक तरह की गाड़ियों के सड़क पर चलने पर रोक लगा रहे है, वहीं दूसरी तरफ इसके एवज में दूसरी गाड़िया ( ऑटो- रिक्शा ) चल रही है.

दिल्ली सरकार के वकील ने जवाब दिया ऑटो-टैक्सी सीएनजी से चल रहे हैं

इस पर दिल्ली सरकार के वकील ने जवाब दिया कि ऑटो और टैक्सी सीएनजी से चल रहे हैं.  इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर लोग उसी दूरी को तय करने के लिए अपने निजी वाहनों के बजाए खस्ता हालत वाहनों को किराए पर ले रहे है, तो फिर आपको ऑड-ईवन स्कीम लागू कर क्या हासिल होने वाला है?

कोर्ट ने पूछा 3000 हजार बसों का क्या हुआ 

जस्टिस दीपक गुप्ता ने दिल्ली सरकार के वकील से कहा कि जब मैंने सुप्रीम कोर्ट में काम करना शुरू किया तो आपने कहा था कि 3 सालों में 3000 बसे सड़क पर होगी. लेकिन अभी तक मुश्किल से आपने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में 300 बस जोड़ी है. निजी वाहनों के बजाए सार्वजनिक वाहनों को प्रोत्साहित करना ही प्रदूषण की रोकथाम के एकमात्र उपाय है.

जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि ये इमरजेंसी, इससे पहले की इमरजेंसी से भी खराब है.

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा और यूपी के चीफ सेकेट्री को समन किया

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा और यूपी के चीफ सेकेट्री को समन किया. कोर्ट का राज्यों को निर्देश-पुलिस और स्थानीय प्रशासन सुनिश्चित करे कि एक भी पराली जलाने की आगे कोई घटना न हो. सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अब आगे पराली जलाने की घटना होती है, तो सरपंच से लेकर जॉइंट सेकेट्री तक सबकी जिम्मेदारी तय होगी.

कूड़ा जलाने और फेंकने पर  सुप्रीम कोर्ट हुआ सख्त, एक लाख का जुर्माना

अब कूड़ा जलाने/कंस्ट्रक्शन पर एक लाख रुपये जुर्माना, वहीं कूड़ा फेंकने पर पांच हज़ार रुपये जुर्माना होगा. कोर्ट ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा , उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए उसके दिये निर्देशों का प्रचार किया जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश पावर कट न किया जाए ताकि डीजल से चलने वाले जेनरेटर की ज़रूरत न पड़े.