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निकाह-हलाला और रेप में अंतर नहीं, इसे भी करें बैन, AAP नेता और DCW की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने PM मोदी से की मांग

निकाह-हलाला और बहुविवाह को लेकर दिल्ली महिला आयोग(DCW) की चेयरमैन स्वाति मालीवाल (swati maliwal) ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर मांग की है कि बिल में संसोधित करके इसे शामिल किया जाए.

Updated on: 27 Jun 2019, 06:49 PM

highlights

  • दिल्ली के महिला आयोग की चेयरमैन स्वाति मालीवाल ने पीएम मोदी को लिखा खत
  • ट्रिपल तलाक बिल में निकाह-हलाला और बहुविवाह को शामिल करने की मांग
  • स्वाति मालीवाल ने कहा कि निकाह-हलाला और बहुविवाह में कोई अंतर नहीं

नई दिल्ली:

निकाह-हलाला और बहुविवाह को लेकर दिल्ली महिला आयोग(DCW) की चेयरमैन स्वाति मालीवाल (swati maliwal) ने पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखकर मांग की है कि बिल में संसोधित करके इसे शामिल किया जाए. ट्रिपल तलाक बिल में संशोधन करके हलाला और बहुविवाह को शामिल करने की मांग की है.

स्वाति मालीवाल ने कहा कि निकाह हलाला और बलात्कार में कोई अंतर नहीं है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने ट्वीट करके कहा, 'डीसीडब्लूय ने पीएम मोदी को लिखा है और मांग की है कि बिल में संसोधन करके निकाह-हलाला और बहुविवाह को शामिल किया जाए.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्रिपल तलाक बिल के संसद से पास होने की उम्मीद जताई है. उनका कहना है कि संसद निकाह-हलाला को भी बैन करें. यह अमानवीय और जघन्य है.

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बता दें कि मोदी सरकार ट्रिपल तलाक बिल को कानून बनाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है. यहीं वजह रही कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले संसद सत्र में इस बिल को पेश किया गया. पिछली बार ट्रिपल तलाक बिल दिसंबर में लोकसभा में पास हुआ था, लेकिन उस वक्त यह बिल राज्यसभा में पास होने में असफल रहा था.

वहीं इस बिल का एआईएमआईएम चीफ ओवैसी ने इस बिल का ही विरोध किया है. वहीं बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू भी इस बिल की खिलाफत कर रही है. नीतीश की पार्टी जेडीयू का कहना है कि वह इस बिल के मौजूदा प्रावधानों के खिलाफ है.कांग्रेस पार्टी ने भी मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019 का विरोध किया है.