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हिंसा प्रभावित इलाकों में 92 प्रतिशत से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा दी : CBSE

सीबीएसई ने रविवार को कहा था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित हिस्सों में बोर्ड परीक्षाओं को टालने से छात्रों के मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिला सुरक्षित करने के मौके बाधित होंगे

Updated on: 02 Mar 2020, 04:01 PM

दिल्ली:

उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा (Violence) प्रभावित इलाकों में 92 प्रतिशत से ज्यादा विद्यार्थियों ने सोमवार को अपनी बोर्ड परीक्षाएं दीं. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कहा कि 12वीं कक्षा के छात्रों का भौतिक विज्ञान का और 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों का संगीत का पेपर था. सीबीएसई ने रविवार को कहा था कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित हिस्सों में बोर्ड परीक्षाओं को टालने से छात्रों के मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिला सुरक्षित करने के मौके बाधित होंगे. बहरहाल, सीबीएसई ने कहा कि वह उन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा लेने के लिए तैयार हैं जो हिंसा के कारण के तय कार्यक्रम के अनुसार परीक्षा नहीं दे सके थे. 

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पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के छात्रों के अवसर प्रभावित हो सकते हैं

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने रविवार को कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बोर्ड परीक्षाएं कराने में और देरी से मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के छात्रों के अवसर प्रभावित हो सकते हैं. सीबीएसई के अधिकारियों ने कहा कि बोर्ड उन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा कराने को तैयार हैं जो उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा (Violence) के चलते तय कार्यक्रम के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में नहीं बैठ पाये थे.

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10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं स्थगित की थी

बोर्ड ने स्कूल के प्राधानाध्यापकों से ऐसे छात्रों की सूची मांगी है . सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘बोर्ड का मानना है कि 12 वीं की परीक्षाएं कराने में और देरी से मेडिकल, इंजीनियरिंग, कानून और अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों और स्नातक में प्रवेश के अवसर प्रभावित हो सकते हैं. ’’ बोर्ड ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्से में 29 फरवरी तक कक्षा 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाएं स्थगित कर दी थी.

परीक्षाओं में शामिल होने में कठिनाई आ सकती है

इलाकों में सात मार्च तक स्कूल बंद हैं . उन्होंने कहा अगर परीक्षाओं में और देरी हुई तो जो छात्र बोर्ड की परीक्षाओं में बैठने के लिए तैयार हैं उनपर दबाव बढ़ जाएगा और उनकी चिंता बढ़ सकती है . अधिकारी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं से हमारे कुछ छात्रों पर असर पड़ा है . ’’ उन्होंने कहा कि सीबीएसई दोनों तरह के छात्रों को लेकर चिंतित है. कल से होने वाली परीक्षाओं में जो बैठना चाहते हैं उनके लिए भी, तथा ऐसे छात्रों के लिए भी जिन्हें मुश्किल परिस्थितियों के कारण परीक्षाओं में शामिल होने में कठिनाई आ सकती है.