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दिल्ली नगर निगम में सीलिंग के नाम पर बड़े स्तर पर रिश्वतखोरी का खुलासा

नरेला जोन के असिस्टेंट कमिश्नर बलराज और उसके सहयोगी मनोज को उनके ही सरकारी ऑफिस में 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंग हाथों गिरफ्तार किया है

Updated on: 22 Nov 2019, 07:45 AM

नई दिल्ली:

सीलिंग के नाम पर दिल्ली नगर निगम में बड़े स्तर पर रिश्वतखोरी या कह सकते हैं कि एक्सटॉर्शन के धंधे का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने एक फैक्ट्री को डी–सील करने (सील खोलने) के एवज में 2 लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में दिल्ली नगर निगम के नरेला जोन के असिस्टेंट कमिश्नर बलराज और उसके सहयोगी मनोज को उनके ही सरकारी ऑफिस में 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंग हाथों गिरफ्तार किया है. दोनों को बुधवार को कोर्ट में पेश करके 1 महीने की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. सीबीआई ने दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया है, जिसमें ऑडियो रिकॉर्डिंग में रिश्वत को लेकर लंबी बातचीत का ब्यौरा शामिल है.

इस बाबत बीती 18 नवंबर को एंटी करप्शन ब्रांच में फैक्ट्री मालिक प्रेम अरोड़ा ने शिकायत दी थी. प्रेम अरोड़ा का कहना है कि वह नियमों के तहत कुछ महीनों से बंद पड़ी फैक्ट्री की मशीनों को दिल्ली के बाहर शिफ्ट करने वाले थे, उसी बीच एमसीडी की टीम ने आधी रात को उनकी फैक्ट्री को सील कर दिया. इस वजह से उनकी मशीनें अंदर ही फंसी रह गईं. उन्होंने निगम अधिकारियों से बहुत रिक्वेस्ट की कि उन्हें मशीनें निकालने दी जाए, लेकिन आरोप है कि असिस्टेंट कमिश्नर बलराज ने अपनी टीम के जरिए फैक्ट्री मालिक को बहुत डराया और डी सील करने के लिए रिश्वत मांगी.

फैक्ट्री मालिक का कहना है कि वह नियमों के मुताबिक अपनी फैक्ट्री की मशीनों को अगली सुबह शिफ्ट करने वाले थे, लेकिन वसूली के मकसद से असिस्टेंट कमिश्नर बलराज ने अपनी टीम के साथ रात करीब 1:30 बजे उनकी फैक्ट्री को सील कर दिया. उनकी ओर से 2 लाख की डिमांड की गई थी. इस बाबत सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच में शिकायत की गई. सीबीआई की टीम ने शुरुआती जांच के बिनाह पर शिकायत को दर्ज कर लिया. आरोपियों को साक्ष्यों के साथ गिरफ्तार करने के लिए रिकॉर्डिंग और अन्य साक्ष्य जुटाने में जुट गए.

असिस्टेंट कमिश्नर बलराज ने अपने सहयोगी मनोज के जरिए रिश्वत की पेशगी के तौर पर 75 हजार रुपए फैक्ट्री मालिक से लिए, तभी सीबीआई टीम ने नरेला जोन के डीसी ऑफिस में रेड करके दोनों को रंगे हाथों धर लिया.

दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है. सीबीआई रेड के समय नरेला के बाकानेर वार्ड के निगम पार्षद राम नारायण भारद्वाज निगम ऑफिस में ही मौजूद थे. उन्होंने बताया कि वह अपने वार्ड से संबंधित एक मामले में डीसी से मिलने गए थे. उसी समय सीबीआई की रेड हुई. असिस्टेंट कमिश्नर बलराज और उनके सहयोगी मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया. पार्षद राम नारायण की मांग है कि इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.