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जामिया की घटना को लेकर JNU के छात्रों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर किया प्रदर्शन

आईटीओ इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने इसका आह्वान किया था. अन्य छात्र निकायों ने भी इस आह्वान का समर्थन किया

Updated on: 15 Dec 2019, 10:29 PM

दिल्ली:

राष्ट्रीय राजधानी में रविवार को जामिया विश्वविद्यालय के समीप नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक हो जाने पर स्थिति से निपटने के पुलिस के तौर तरीके के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए पुराने दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर बहुत सारे लोग पहुंच गये. आईटीओ इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने इसका आह्वान किया था. अन्य छात्र निकायों ने भी इस आह्वान का समर्थन किया . रविवार को उससे पहले जामिया विश्वविद्यालय के पास प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी थी और उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई थी. पुलिस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए जामिया मिलिया इस्लामिया में घुसी. उसने कहा कि उसने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जो कथित रूप से हिंसा में शामिल थे. लेकिन जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि विद्यार्थी हिंसा में शामिल नहीं थे. 

वहीं दिल्ली पुलिस के लोक संबंध अधिकारी (PRO) एम एस रंधावा ने लोगों से अफवाहें पर ध्यान ना देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रदर्शनकारियों की मौत की खबर फैलाई जा रही है, यह महज एक अफवाह है. लोगों को इसपर ध्यान ना देने की जरूरत है. प्रदर्शन में किसी भी लोगों की मौत नहीं हुई है. दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा में भारी नुकसान हुआ है. पुलिस समेत कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने डीटीसी बसों में आग लगा दी. बसें धू-धूकर जल गई.

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हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए डीएमआरसी ने कई मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया था. मेट्रो इन स्टेशनों पर नहीं रूक रही है. वहीं इस मामले में जब डीसीपी साउथ ईस्ट चिन्मॉय बिस्वाल से जब पूछा गया कि क्या पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की है तो उन्होंने कहा कि असल में कोई फायरिंग नहीं हुई है. यह एक गलत अफवाह है, जिसे फैलाया जा रहा है. डीसीपी ने कहा कि भीड़ को पीछे धकेलना ही मेरा मकसद है. इसलिए क्षेत्र में लॉ एंड ऑर्डर को बहाल किया जा सकता है. हमें जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों से कोई समस्या नहीं है.

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डीसीपी ने कहा कि भीड़ ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया है. उनलोगों ने मोटरसाइकिलों को आग लगा दी. उसने हम पर पथराव किया है. डीसीपी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने हवाई फायरिंग की है. गोलीबारी बिल्कुल भी नहीं हुई है. यह एक झूठी अफवाह है जो फैलाई जा रही है. डीसीपी ने कहा कि कुछ लोगों को भी हिरासत में लिया गया है. जामिया प्रोटेस्ट में 50 से ज़्यादा ज़ख्मी लोगों को अब्बुल फजल के अल शिफ़ा अस्पताल में भर्ती किया गया पुलिस बल जामिया में बढ़ाया गया,एम्बुलेंस,फायर की गाड़ी ,पुलीस की गाड़ी लगातार जामिया के अंदर जा रही है.