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हैदराबाद गैंगरेप-मर्डर केस: हड़ताल पर बैठीं स्वाति मालीवाल बोलीं- बलात्कारियों को फांसी पर लटका देना चाहिए

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ और दुष्कर्म के मामलों के दोषियों को जल्द-से-जल्द सख्त सजा की मांग को लेकर मंगलवार को जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की.

Updated on: 03 Dec 2019, 06:52 PM

दिल्ली:

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने देश में बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ और दुष्कर्म के मामलों के दोषियों को जल्द-से-जल्द सख्त सजा की मांग को लेकर मंगलवार को जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की. हैदराबाद में पशुचिकित्सक के साथ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या और राजस्थान में छह वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की वीभत्स घटना के खिलाफ मालीवाल के विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों महिलाओं शामिल हुईं.

इससे पहले सुबह मालीवाल ने पुलिस पर उन्हें जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया था. मालीवाल ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख आरोपियों को दोष सिद्धि के छह महीने के अंदर फांसी देने की भी मांग की थी. डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने जंतर-मंतर पर कहा, ‘‘मेरी प्रधानमंत्री से यह मांग है कि बलात्कार पीड़ितों को फांसी की सजा दी जाए. हैदराबाद मामले के आरोपियों को फांसी पर लटका देना चाहिए.

उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल मैंने प्रदर्शन किया था और 10 दिन के भीतर ही सरकार ने नाबालिगों से दुष्कर्म के आरोपियों को छह महीने के भीतर फांसी की सजा देने का कानून बनाया, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं चाहती हूं कि सरकार अब इस कानून को लागू करे. मैं कड़ी और त्वरित सजा देने की मांग कर रही हूं.” साथ ही उन्होंने कहा कि दया याचिकाओं पर फैसला लेने की प्रक्रिया समयबद्ध हो.

डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली में 66,000 पुलिस अधिकारियों और 45 फास्ट ट्रैक अदालतों की कमी है. उन्होंने कहा, “हमें कानून के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की आवश्यकता है. ’’ उन्होंने दावा किया कि दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के तौर पर लिखे गए “सैकड़ों पत्र’ पर प्रधानमंत्री की तरफ से उन्हें “एक भी जवाब” नहीं मिला है.

मालीवाल ने कहा, “उन्हें हमें भरोसा देना चाहिए कि हम आपके साथ हैं. हम इस सरकार के खिलाफ नहीं हैं.” इस बीच, दिल्ली पुलिस ने मालीवाल के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलिस उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे रही है. पुलिस ने कहा कि डीसीडब्ल्यू को पत्र भेजा गया था जिसमें प्रदर्शन की प्रकृति का विवरण, परिवहन के साधन, माइक्रोफोन के प्रबंध और इसमें शामिल होने वाले प्रदर्शनकारियों की संख्या के संबंध में जानकारी मांगी गई है. साथ ही उस हलफनामे की एक प्रति भी मांगी है जिसे उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार भरा जाना होता है.

उन्होंने बताया कि विवरण का इंतजार किया जा रहा है. लेकिन मालीवाल ने कहा, “दिल्ली पुलिस हमारा सहयोग नहीं कर रही है. हमारे पास यहां कोई टेंट नहीं है और हमारे लिए रात गुजारना मुश्किल होगा. वे हमें धमकी दे रहे हैं कि वे शाम पांच बजे तक प्रदर्शनकारियों को बाहर निकाल देंगे.” उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली पुलिस को बताना चाहती हूं कि हम प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि आपके बल को 66,000 नये अधिकारी मिल सकें. मैं अपराधी नहीं हूं, मैं आपका (दिल्ली पुलिस का) सहयोग चाहती हूं और मैं देशवासियों से अपील करती हूं कि वे बड़ी संख्या में सामने आकर हमारा समर्थन करें.”

प्रदर्शन में मालीवाल का समर्थन कर रही महिलाओं ने नारेबाजी कर देश में महिला सुरक्षा में कमी की स्थिति को उजागर किया. उन्होंने हैदराबाद की पशुचिकित्सक के लिए न्याय की मांग के नारे लगाए- “उड़ने दो परिंदों को, फांसी दो दरिंदो को”, “हम इसे और बर्दाश्त नहीं करेंगे”, “निर्भया हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं.” कॉलेज छात्रा ईशा जयसवाल ने कहा, “हमें मीडिया से इस प्रदर्शन के बारे में पता चला और हम अपना समर्थन देने यहां आए हैं. लोगों में डर होना चाहिए कि अगर वे कानून के खिलाफ कुछ करेंगे, उन्हें सजा दी जाएगी.”

12वीं की छात्रा चंचल सोलंकी (18) ने कहा, “हम चाहते हैं कि हैदराबाद सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के आरोपियों को फांसी पर लटकाया जाए या लोगों को उन्हें सजा देने दी जाए.” प्रदर्शनकारी हाथों में तख्तियां भी लिए हुए थे जिनमें उनकी मांगे और संदेश लिखे हुए थे.