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JNU छात्रों के लिए खुशखबरी, छात्रों को दी फीस में बड़ी राहत

जेएनयू में फीस बढ़ोत्तरी के मामले में सरकार की ओर से गठित तीन सदस्यीय उच्चस्‍तरीय समिति (HLC) ने डीन ऑफ स्टूडेंट्स ऑफिस को अपनी सिफारिश (Recommendation) सौंप दी है.

Updated on: 26 Nov 2019, 11:41 AM

नई दिल्ली:

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में फीस बढ़ोतरी (Fee Increase) के मामले में मानव संस्थान विकास मंत्रालय की ओर से गठित उच्चस्‍तरीय समिति की सिफारिश के बाद छात्रों को फीस में भारी राहत दी गई है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने सर्विस और यूटिलिटी शुल्क में कमी की है. ऐसा दूसरी बार है, जब प्रशासन ने फीस वृद्धि के बाद छात्रों को राहत देने का फैसला किया है. हालांकि पिछले बार दी गई राहत से विपरीत इस बार प्रशासन ने सामान्य श्रेणी के छात्रों को भी राहत दी है. नई शुल्क दरें जनवरी 2020 से लागू होंगी.

50 फीसद की मिली छूट
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, अब छात्रों को सर्विस और यूटिलिटी शुल्क में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी, वहीं बीपीएल श्रेणी के छात्रों को 75 प्रतिशत छूट मिलेगी. एक्जीक्यूटिव काउंसिल(ईसी) द्वारा 13 नवंबर, 2019 को हॉस्टल मैनुअल और छात्रावास फीस वृद्धि की मंजूरी के बाद जेएनयू प्रशासन द्वारा इस पर विचार करने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी (एचएलसी) का गठन किया गया था, जिसकी रिपोर्ट सोमवार को सौंपी गई. रिपोर्ट के बाद फीस में छूट दिए जाने का फैसला लिया गया है. समिति ने छात्रावास में अनुमानित सर्विस और यूटिलिटी शुल्क की जांच की, जो 2000 रुपये प्रति माह (बिजली और पानी के 300 रुपये शुल्क सहित) है. उसे 1000 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश की गई है, यह सभी छात्रों के लिए है. इसके अलावा एचएलसी कमेटी ने बीपीएल श्रेणी के छात्रों को अतिरिक्त लाभ देते हुए उन्हें 75 प्रतिशत छूट प्रदान की है. विश्वविद्यालय ने कहा कमेटी ने पात्र बीपीएल छात्रों के लिए सर्विस और यूटिलिटी शुल्क में 75 प्रतिशत छूट दी, उन्हें अब 2000 की जगह मात्र 500 रुपये शुल्क देने होंगे. 

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क्या थी समिति की सिफारिश
समिति की ओर से बीपीएल के संबंध रखने वाले छात्रों को बड़ी राहत देने की सिफारिश की गई है. समिति ने सिफारिश की है कि बीपीएल (BPL) से संबंध रखने वाले छात्रों को यूटीलिटी और सर्विस चार्ज में 75 प्रतिशत की छूट मिलनी चाहिए. वहीं जेएनयू के अन्य सभी छात्रों को इस मद में 50 प्रतिशत तक की छूट देने की सिफारिश की है.

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HRD मंत्रालय ने बनाई थी समिति
जेएनयू में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से तीन सदस्यीय उच्चस्‍तरीय समिति बनाई थी. समिति की ओर से सभी पक्षों की ओर से इस मामले में प्रतिक्रिया ली गई. इसके बाद उच्चस्तरीय समिति ने छात्रों के प्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया को ईमेल के माध्यम से डीन ऑफ स्टूडेंट्स कार्यालय को भेजा.

क्या है पूरा मामला?
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा फीस बढ़ोतरी और हॉस्टल की टाइमिंग में बदलाव के किया गया था. इसके बाद से छात्र इसमें छूट दिए जाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. 18 नवंबर को जेएनयू के स्टूडेंट्स इकट्ठे होकर संसद भवन को घेरने जा रहे थे. पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन के दौरान वाटर कैनन का प्रयोग किया था और सैकड़ों स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया था. हालांकि, बाद में उनको छोड़ दिया गया था. अब फीस में छूट दिए जाने के बाद इसे बड़ी राहत माना जा रहा है.