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दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.2 दर्ज

दिल्ली और एनसीआर में शनिवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि अभी तक पता नहीं चल पाया है कि भूकंप की तीव्रता कितनी हैं.

Updated on: 03 Feb 2019, 12:21 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली और एनसीआर में शनिवार शाम भूकंप के झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 दर्ज की गई है. भूकंप का केंद्र हिंदुकुश पर्वत क्षेत्र बताया जा रहा है. अभी कहीं से भी किसी के हताहत होने की खबरें नहीं आई हैं. वहीं जम्मू और कश्मीर में भी भूकंप के झटके लोगों ने महसूस किए. जानकारी के मुताबिक भूकंप के हल्के झटके दिल्ली के अलावा हरियाणा और हरियाणा में भी महसूस किए. लाहौर, इस्लामाबाद, मुल्तान और पेशावर सहित पाक अफगान बॉर्डर में भी भूकंप की तीव्रता महसूस की गई.

 दुनिया की बात करें तो इंडोनेशिया में भूकंप के झटके लगने से लोग दहशत में आ गए.सुमात्रा में रिएक्टर पैमाने पर 6.1 की तीव्रता मापी गई.  इंडोनेशिया का पश्चिम सुमात्रा शनिवार को रिक्टर पैमाने पर छह की तीव्रता वाले भूकंप से हिल उठा हालांकि सुनामी की कोई चेतावनी नहीं जारी की गई.

अधिकारियों ने यहां कहा कि किसी भी प्रकार के जान-माल की तत्काल कोई खबर नहीं है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ को एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र मेंतावई द्वीप से 117 किलोमीटर दक्षिणपूर्व रिकॉर्ड किया गया, जो कि समुद्र तल से 17 किलोमीटर की गहराई में स्थित था.

इससे 24 मिनट पहले ही प्रांत 5.3 तीव्रता वाले भूकंप से थर्रा गया था, जो कि 10 किलोमीटर की गहराई में आया था.राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुगरोहो ने बताया कि केपुलौनान मेंतावई जिले के उपजिले सिकाकाप में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हालांकि शुरुआती वक्त में किसी भी प्रकार के जान-माल की कोई खबर नहीं है.

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वहीं उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गुरुवार को भूकंप के कम तीव्रता के दो झटके महसूस किए गए थे.भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप का पहला झटका सुबह 11.23 बजे महसूस किया गया, जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 2.8 मापी गई. भूकंप का दूसरा झटका 11.58 बजे महसूस किया गया, जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3.5 मापी गई. 

अधिकारियों ने कहा कि भूकंप के इन झटकों से इलाके में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. हालांकि, जिले के पहाड़ी इलाकों के निवासियों में दहशत पैदा हो गई और वे अपने घरों से बाहर आ गए. उत्तराखंड में विभिन्न कारणों से भूकंप का खतरा बना रहता है.