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दिल्ली HC ने वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग ठुकराई, गृह मंत्रालय की स्पष्टीकरण की मांग वाली अर्जी खारिज

दिल्ली पुलिस और वकीलों (Delhi Police Vs Lawyers) के बीच टकराव का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले पर बुधवार को सुनवाई हो रही है.

Updated on: 06 Nov 2019, 04:49 PM

नई दिल्‍ली:

दिल्ली पुलिस और वकीलों (Delhi Police Vs Lawyers) के बीच टकराव का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. इस मामले पर बुधवार को सुनवाई के दौरान दिल्‍ली हाईकोर्ट ने साकेत कोर्ट परिसर में वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग भी ठुकरा दी है. बुधवार को हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई के दौरान वकील मोहित माथुर ने दलील दी कि इस याचिका का कोई मतलब नहीं. दिल्ली HC का 4 नवंबर का आदेश एकदम साफ़ है. साकेत कोर्ट के मामले में पुलिस ने वकीलों के खिलाफ आईपीसी की धारा 392 के तहत दर्ज किया. दिल्ली HC ने गृह मंत्रालय की ओर से दायर पुर्नविचार याचिका और स्पष्टिकरण की अर्जी का ये कहते हुए निपटारा किया कि 4 नवंबर के आदेश एकदम साफ़ है और इसमे कोई बदलाव की ज़रूरत नहीं . मीडिया रिपोर्टिंग पर कोई बैन नहीं रहेगा.

पुलिस को अब इस मामले में आगे बिना कोर्ट की अनुमति या ज्यूडिशियल इन्क्वारी के FIR दर्ज करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए. पुलिस को दिखाना होगा कि वकीलों पर गोली चलाने वालों पर कार्रवाई वालो पर क्या एक्शन लिया है. वहीं बार ने अदालत से गुजारिश की कि इस मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन लगाया जाए क्योंकि  मीडिया वकीलों की गलत इमेज को पेश कर रहा है. इसके बाद दिल्ली HC ने गृह मंत्रालय की स्पष्टिकरण की मांग वाली अर्जी खारिज की. हाईकोर्ट ने साकेत कोर्ट परिसर में वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग भी ठुकरा दी है. 

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हाईकोर्ट में बार काउंसिल की ओर से कहा गया है कि पुलिस को यह बताना होगा कि गोली चलाने वाले पुलिस के खिलाफ क्या करवाई की गई है. पुलिस अपने मामले की छुपाने की कोशिश कर रही है. बार काउंसिल ने कहा कि साकेत की घटना में दिल्ली पुलिस ने सेक्शन 392 के तहत मामला दर्ज किया, पुलिस ने डकैती का मामला दर्ज किया है. यह पावर का गलत इस्तेमाल कर रहे है, वकीलों की तरफ से राकेश खन्ना ने दिल्ली हाइकोर्ट से कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग पर बैन लगाने का आदेश देना चाहिए.

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बता दें मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया और दूसरे बार काउंसिलों को नोटिस जारी किया था. हाई कोर्ट ने ये नोटिस गृह मंत्रालय के उस आवेदन पर जारी किया है जिसमें मांग की गई है हाई कोर्ट 3 नवंबर के अपने उस आदेश में बदलाव करे, जिसमें कहा गया है कि वकीलों के खिलाफ अभी कोई कार्रवाई नहीं की जाए. 

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दिल्ली HC ने वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग भी ठुकराई

दिल्ली HC ने गृह मंत्रालय की  स्पष्टिकरण की मांग वाली अर्जी खारिज की। हाईकोर्ट ने साकेत कोर्ट परिसर में वकीलों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग भी ठुकराई।