logo-image

दिल्ली में दो कारें रखने वालों को करनी पड़ सकती है जेब ढीली, पढ़ें पूरी Detail

अगर दिल्ली में ऐसा नियम लागू हो जाता है तो जिनके पास दो कारें होंगी उन्हें ज्यादा पैसा देना होगा.

Updated on: 29 Jul 2019, 10:43 AM

highlights

  • दिल्ली में कार पार्किंग है एक बड़ी समस्या.
  • दिल्ली सरकार कर रही इल खास प्रोजेक्ट पर काम.
  • रिपोर्ट के मुताबिक लाजपत नगर में कुल 13 ब्लॉक हैं जहां करीब 3510 कार पार्किंग की जरुरत है.

नई दिल्ली:

दिल्ली में एक से ज्यादा कारें रखने वालों की जेब पर अब चाबुक चलने वाला है. जी हां. अब यदि आपके पास एक से ज्यादा कार है तो आपको अपनी जेब से ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं. वो इसलिए कि पार्किंग की समस्या से जूझ रही दिल्ली में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ENVIRONMENT POLLUTION (PREVENTION & CONTROL) AUTHORITY-EPCA) ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें ये सिफारिश की है कि जिनके पास एक घर है और एक से ज्यादा कारें हैं उन्हें मासिक पास जारी किया जाए और उनसे शुल्क वसूला जाए.

अगर दिल्ली में ऐसा नियम लागू हो जाता है तो जिनके पास दो कारें होंगी उन्हें ज्यादा पैसा देना होगा. इसके अलावा इस रिपोर्ट में सांझा पार्किग व्यवस्था पर भी काम करने की बात कही गई है. 

यह भी पढ़ें: स्कूलों में लड़कियों की सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार ने बनाया जबरदस्त प्लान

बता दें कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) इस समय एक पार्किंग पॉलिसी ड्राफ्ट पर काम कर रही है जिसके आधार पर ही लाजपत नगर थर्ड आवासीय कॉलोनी में पार्किंग प्रबंधन का एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया जाना है.

इसी पायलट प्रोजेक्ट पर कोर्ट ने ईपीसीए से रिपोर्ट तैयार करने को कहा था. ENVIRONMENT POLLUTION (PREVENTION & CONTROL) AUTHORITY-EPCA ने DDA व निगम के अफसरों की दी गई जानकारी के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट के मुताबिक लाजपत नगर में कुल 13 ब्लॉक हैं जहां करीब 3510 कार पार्किंग की जरुरत है लेकिन पार्किंग की उपलब्धता 1830 है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में दो-तीन दिन हल्की बारिश होने, उमस भरा मौसम रहने का अनुमान

इस रिपोर्ट में सार्वजनिक वाहनों के प्रयोग को प्रमोट करने की बात कही है. ईपीसीए के मुताबिक, आवासीय इलाकों में 30 कारें खड़ी होती है वहीं रात में 300 कारें. दफ्तरों में दिन में करीब 100 गाड़ियां पार्क होती है वहीं रात में इन गाड़ियों की संख्या 10 हो जाती है. ईपीसीए ने लाजपत नगर को आधार मानते हुए पूरी दिल्ली के लिए ये रिपोर्ट तैयार की है.