दिल्ली सरकार ने निर्भया बलात्कार-हत्या मामले में एक दोषी की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की
गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दया याचिका को खारिज करने के लिए दृढ़ता से सिफारिश की गई है
नई दिल्ली:
दिल्ली सरकार ने 2012 के निर्भया बलात्कार एवं हत्या मामले में एक दोषी की दया याचिका खारिज करने की पुरजोर सिफारिश की है. दिल्ली के गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने इस मामले में अरविंद केजरीवाल सरकार की अनुशंसाओं के साथ फाइल को उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेज दिया है. सत्येंद्र जैन ने कहा कि ऐसी जघन्य अपराध के लिए दोषी को माफ नहीं किया जाएगा. ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. यह वह मामला है जिसमें दोषियों को माफी नहीं, बल्कि कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. ऐसी कड़ी सजा जिसे देख कोई इस तरह का अपराध करने की जुर्रत ना करें. दया याचिका में कोई दम नहीं है. उन्होंने कहा कि दया याचिका को खारिज करने के लिए दृढ़ता से सिफारिश की गई है.
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Delhi Minister Satyendar Jain's noting: This is the case where exemplary punishment should be given to deter others from committing such atrocious crimes. There is no merit in mercy petition, strongly recommended for rejection. 2/2 https://t.co/WVkKxA49iP
— ANI (@ANI) December 1, 2019
बता दें कि पिछले वर्ष दिसम्बर में निर्भया के अभिभावक ने मामले में सभी चारों दोषियों को फांसी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए अदालत का रूख किया था. गौरतलब है कि 16 दिसम्बर, 2012 को एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और बाद में 29 दिसम्बर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी. दिल्ली की पटियाला हाईकोर्ट ने 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड मामले में दायर मृतका की मां की याचिका स्वीकार ली है.मृतका के माता-पिता ने याचिका में कहा है कि चारों दुष्कर्मियों को फांसी देने का मामला दूसरे न्यायाधीश के पास फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए.
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मामले की सुनवाई कर रहे दोनों न्यायाधीशों के तबादले के बाद निर्भया के माता-पिता ने गुरुवार को पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर चारों दुष्कर्मियों को फांसी देने की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है.वहीं दिल्ली की एक अदालत ने 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार मामले को यह तय करने के लिए किसी अन्य न्यायाधीश के पास स्थानांतरित कर दिया है कि दोषियों को दी गई सजा के अमल में तेजी लाने के तिहाड़ जेल अधिकारियों को निर्देश दिये जाएं. जिला न्यायाधीश यशवंत कुमार ने इस संबंध में पीड़िता के अभिभावक के एक आवेदन पर इस मामले को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश अरोड़ा के पास भेज दिया, जो इस मामले पर 28 नवम्बर को सुनवाई करेंगे.
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