logo-image

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मोदी सरकार से मांगा केंद्रीय करों में हिस्सा

मुलाकात के दौरान सिसोदिया ने दिल्ली नगर निगम के लिए फंड की आवश्यकता और केंद्रीय करों (Central Taxes) में हिस्सेदारी जैसे मुद्दे वित्तमंत्री के सामने रखे.

Updated on: 21 Feb 2020, 04:45 PM

highlights

  • मनीष सिसोदिया ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की.
  • बीते 9 वर्षों से केंद्रीय करो का हिस्सा दिल्ली को नहीं मिला.
  • दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर भाजपा का शासन है.

नई दिल्ली:

केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) में वित्तमंत्री व दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान सिसोदिया ने दिल्ली नगर निगम के लिए फंड की आवश्यकता और केंद्रीय करों (Central Taxes) में हिस्सेदारी जैसे मुद्दे वित्तमंत्री के सामने रखे. दिल्ली में एक बार फिर आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार बनने के बाद दिल्ली सरकार व केंद्रीय वित्त मंत्रालय के बीच यह पहली बैठक है. इस महत्वपूर्ण बैठक की जानकारी देते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'दिल्ली के वित्तमंत्री का पद पुन: संभालने के बाद आज केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) से मुलाकात की. उनके साथ दिल्ली के आर्थिक विकास के लिए सहयोग पर सकारात्मक चर्चा हुई है.'

यह भी पढ़ेंः शाहीनबाग के CAA विरोधी प्रदर्शन में फूट, अलग-अलग बने गुटों में दरार

दिल्ली के लिए मांगा फंड
सिसोदिया ने कहा, 'केंद्रीय वित्तमंत्री के साथ बैठक में मैंने दिल्ली नगर निगम के लिए भी उसी तरह फंड दिए जाने की भी मांग की, जिस प्रकार केंद्र सरकार अन्य राज्यों के निगमों को (488 रुपये प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष के हिसाब से) देती है. अभी दिल्ली नगर निगम के लिए केंद्र सरकार से कोई फंड नहीं मिलता है.' गौरतलब है कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर भाजपा का शासन है. नगर निगम पिछले कई वर्षों से फंड की कमी का राग अलाप रहा है. फंड की कमी के चलते कई मर्तबा हजारों नगर निगम कर्मियों की तनख्वाह कई-कई महीनों तक जारी नहीं हो सकी.

यह भी पढ़ेंः कश्मीर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी, हिजुबल का आतंकी गिरफ्तार, आतंकवादी ठिकानों का हुआ पर्दाफाश

हो सकेगा दिल्ली का विकास
नगर निगम फंड की कमी के लिए जहां दिल्ली सरकार को दोषी बताता है. वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि नगर निगम को पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक फंड दिया गया है वह भी तब जबकि उसे केंद्र की ओर से निगम के लिए कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जा रही है. बैठक की जानकारी देते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा, केंद्रीय वित्तमंत्री से मैंने केंद्रीय करों में दिल्ली के लिए भी हिस्सा दिए जाने की मांग की, ताकि दिल्ली में स्कूल-अस्पताल खोलने, यमुना को साफ करने, बिजली पानी की व्यवस्था करने आदि के लिए काम और तेजी से किए जा सकें.'

यह भी पढ़ेंः राम मंदिर के मॉडल में हो सकता है बदलाव, एक मंजिल और जोड़ने का प्रस्ताव

दिल्ली को 9 सालों से नहीं मिला हिस्सा
दरअसल, दिल्ली सरकार का कहना है, 'केंद्र की ओर से बीते 9 वर्षों से केंद्रीय करो में मिलने वाला हिस्सा दिल्ली को नहीं दिया जा रहा है.' दिल्ली सरकार के मुताबिक, दिल्ली से एकत्र होने वाले केंद्रीय करों में दिल्ली की भी हिस्सेदारी बनती है. यह हिस्सेदारी मिलने पर दिल्ली में विकास कार्य और अधिक तेजी से किए जा सकेंगे. मनीष सिसोदिया ने कहा, 'केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2001 से केंद्रीय करों में दिल्ली को कोई हिस्सा नही दिया जाता है. केंद्रीय करों का 42 प्रतिशत हिस्सा वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर अन्य सभी राज्यों को दिया जाता है. 2001 से पहले दिल्ली को भी इसमें हिस्सा मिलता रहा है.'