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दिल्ली की खूनी नहर, मिल रही हैं युवतियों की लाशें, लेकिन खूनी की खबर नहीं

पुलिस का कहना है कि शिनाख्त होने के बाद कातिल ज्यादा दिन पुलिस के शिकंजे से बच नहीं सकेगा, क्योंकि उसे मर्डर करते समय ही पता था कि अगर मरने वाले की शिनाख्त हो गई तो वह भी जल्द पहचाना जाएगा

Updated on: 19 Jul 2019, 12:10 PM

नई दिल्ली:

न्यू अशोक नगर के दल्लुपुरा गांव के पास की कोंडली नहर खूनी नहर में बदल चुकी है. नहर से पिछले सात महीने में तीन युवतियों की लाशें मिली हैं और उनके पोस्टमार्टम से यह साफ हो चुका है कि उन तीनों का बेरहमी से कत्ल किया गया. उसके बाद लाशों को नहर में ठिकाने लगाने की कोशिश की गई, लेकिन यह तीनों लाशें आज ईस्ट डिस्ट्रिक्ट की पुलिस के लिए सबसे बड़ी पहेली बन चुकी हैं. जिला पुलिस की तमाम कोशिशों के बाद भी तीनों शवों की शिनाख्त तक नहीं हुई है. इन तीन में से 2 महिलाओं के शवों पर टैटू गुदे थे, यही टैटू फोटोग्राफ शवों के अंतिम संस्कार के बाद उनकी शिनाख्त की बड़ी उम्मीद हैं.

पुलिस का कहना है कि शिनाख्त होने के बाद कातिल ज्यादा दिन पुलिस के शिकंजे से बच नहीं सकेगा, क्योंकि उसे मर्डर करते समय ही पता था कि अगर मरने वाले की शिनाख्त हो गई तो वह भी जल्द पहचाना जाएगा. इसलिए उसने लाश को इस तरह से ठिकाने लगाया की पुलिस  के लिए उसकी शिनाख्त के लिए भी सुराग लगाना मुश्किल हो रहा है.

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18 जून की दोपहर करीब 12:30 बजे दल्लूपुरा गांव के सामने कोंडली नहर में एक युवती की लाश मिली थी. उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट कुछ दिन पहले सामने आई तो पता चला कि उसकी गला दबाकर हत्या की गई थी. इस रिपोर्ट के मिलने के बाद बीती 8 जुलाई को न्यू अशोक नगर थाने में मर्डर का मुकदमा दर्ज कर लिया है.

इस युवती की उम्र लगभग 24 साल थी. उसके हाथों पर 2 टैटू भी बने थे, जिसमें एक तरफ पूजा गुदा था, दूसरी ओर हरी लिखा था. शरीर पर कुछ और भी टैटू गुदे थे। पुलिस ने युवती की पहचान के लिए हरसंभव कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया. आखिरकार 4 जुलाई को लाश का पोस्टमॉर्टम करावाने के बाद पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कराया. पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट 8 जुलाई को मिली, जिसमें गला घोंटकर हत्या करने की आशंका जताई गई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया. हत्या से पहले युवती को जहर तो नहीं खिलाया गया था, इसकी जांच के लिए विसरा को लैब में भेजा गया है.

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बहरहाल, एक महीना बीतने के बाद भी पुलिस को यह पता नहीं चल पाया है कि जो लाश मिली थी, वह किस युवती की थी और उसकी हत्या किसने की. पुलिस ने आस-पास के थानों और जिप नेट पर महिला की तस्वीर डालकर पता भी करवाया गया, लेकिन पहचान करने में सफलता नहीं मिली. इश्तेहार छपवाकर भी पता लगाने की कोशिश की गई, लेकिन युवती की पहचान नहीं हो सकी है.

पिछले साल दिसंबर और उसके बाद इस साल जनवरी में भी इसी इलाके में दो युवतियों की लाश ऐसे ही नहर किनारे मिली थी. इन घटनाओं ने पुलिस के सामने नई चुनौती पैदा कर दी है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि वारदातों को कहीं और अंजाम देकर लाशों को नहर में डंप किया जा रहा है, या फिर कहीं से बहकर ये लाशें यहां आ रहीं हैं.

बता दें कि कोंडली नहर गंग नहर का ही एक हिस्सा है. कई बार लाशें गाजियाबाद की नहर में डाली जाती हैं, जो बहती हुई दिल्ली आने के बाद पानी में फूलने की वजह से बाहर आ जाती हैं. यही वजह है कि पुलिस के लिए उनकी शिनाख्त करना आसान नहीं होता. पिछले साल 9 दिसंबर को भी आंबेडकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के पास हिंडन नहर के किनारे झाड़ियों में 30 साल की एक युवती की लाश मिली थी. उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी और चेहरा जलाकर पहचान मिटाने की कोशिश की गई थी. उसके बाद इसी साल 9 जनवरी को भी धर्मशिला अस्पताल के पास नहर किनारे एक लड़की की लाश सूटकेस में मिली थी. उसके चेहरे पर भी चाकू से वार किए जाने के निशान थे और हाथ पर मोहित के अलावा रहमत नाम का टैटू भी गुदा हुआ था.

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500 सीसीटीवी कैमरे खंगाल चुकी है पुलिस

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इन तीनों शवों की शिनाख्त के लिए हर मुमकिन कोशिश की गई. इस रूट पर लगे करीब 500 सीसीटीवी कैमरा की फुटेज खंगाली जा चुकी है, ताकि बॉडी डंप करने वाले का कोई सुराग मिल सके, लेकिन कोई आहट तक नहीं मिली. इससे आशंका है कि युवतियों के शव नहर में बहुत पीछे से बहकर आए थे, यही वजह थी कि वह काफी गले भी हुए थे. यहां तक कि टैटू आर्टिस्ट भी बुलाए गए और उनके शवो पर मिले टैटू का सुराग लगाने की कोशिश की. आर्टिस ने बताया कि जो टैटू बने हैं वह बेहद कॉमन हैं. इतना ही नहीं यूपी के बॉर्डर एरिया से लगने वाले सभी थानों में रिकॉर्ड भी खंगाले गए. एक शव सूटकेस में मिला था, उस सूटकेस की कंपनी और डिस्ट्रीब्यूटर से भी संपर्क किया गया.