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कांग्रेस संसद में उठाएगी JNU का मुद्दा, दिग्विजय सिंह ने दिया राज्य सभा में नोटिस

जेएनयू का मामला अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. छात्रों ने भले ही अपना आंदोलन खत्म कर दिया हो लेकिन विपक्षी दल अब भी इस मामले में सरकार को घेरने में पीछे नहीं हैं.

Updated on: 22 Nov 2019, 11:23 AM

दिल्ली:

जेएनयू का मामला अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. छात्रों ने भले ही अपना आंदोलन खत्म कर दिया हो लेकिन विपक्षी दल अब भी इस मामले में सरकार को घेरने में पीछे नहीं हैं. राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने विनिवेश और जेएनयू में फीस बढ़ोतरी का मुद्दा शुक्रवार को शून्यकाल में उठाने की अनुमति देने का नोटिस दिया है. राज्यसभा सचिवालय को इन मुद्दों को शून्य काल में उठाने की अनुमति देने के लिए विभिन्न सदस्यों के अलग-अलग नोटिस मिले हैं.

सूत्रों के अनुसार ‘आप’ के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश के सरकार के फैसले से इन उपक्रमों के कर्मियों का भविष्य अधर में होने का मुद्दा उठाने की सभापति से अनुमति मांगी है. तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन ने सार्वजनिक क्षेत्र के मुनाफे वाले उपक्रमों के विनिवेश के औचित्य का मुद्दा शून्य काल मे उठाने का नोटिस दिया है.

कांग्रेस उठाएगी जेएनयू का मुद्दा
इनके अलावा माकपा के राज्यसभा सदस्य केके रागेश और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के विषय में अपना पक्ष सदन में शून्य काल में रखने की सभापति से अनुमति मांगी है. कांग्रेस का कहना है कि छात्रों के लिए हॉस्टल की बढ़ी फीस देना संभव नहीं है. सरकार को बढ़ी फीस वापल लेनी चाहिए.

गौरतलब है कि जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने बृहस्पतिवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति से मुलाकात कर छात्रावास शुल्क वृद्धि को पूरी तरह वापस लेने और कुलपति को हटाने की मांग की. संघ की कार्यकारी समिति ने दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कहा, "जेएनयू को जिस तरह से शासित किया जा रहा है उससे उत्पन्न समस्याओं से निपटना वर्तमान कुलपति के रहते असंभव है. जेएनयूटीए के 13 प्रतिनिधियों ने एक बयान में कहा कि उन्होंने तीन सदस्यीय समिति को बताया कि वर्तमान संकट कुलपति एम जगदीश कुमार की वजह से "विश्वविद्यालय में उत्पन्न कुशासन की पराकाष्ठा है.