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तीन तलाक कानून को चुनौती, दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

यह याचिका अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद अली ने दायर की है. इस जनहित याचिका में इस अधिनियम की धारा 3 और 4 को रद्द करने की मांग की गई

Updated on: 02 Aug 2019, 12:46 PM

नई दिल्ली:

हाल ही में पारित हुए मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण)अधिनियम, 2019 के कुछ अनुच्छेदों को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. यह याचिका अधिवक्ता व सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद अली ने दायर की है. इस जनहित याचिका में इस अधिनियम की धारा 3 और 4 को रद्द करने की मांग की गई.

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इन धाराओं के तहत मुस्लिम पति द्वारा अपनी पत्नी को तीन तलाक कहना अपराध है, जिसके लिए तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को पहले ही 'असंवैधानिक' घोषित किया था। हालांकि, बाद में केंद्र ने न केवल तीन तलाक को 'निरस्त और अवैध' घोषित किया, बल्कि इसे दंडनीय अपराध के अंतर्गत भी रखा है. लेकिन इस अधिनियम में पति और पत्नी के बीच सुलह कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. याचिका में यह भी कहा गया है कि वर्तमान अधिनियम मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला है. इस याचिका पर हाईकोर्ट आगामी सप्ताह में सुनवाई कर सकती है. 

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बता दें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President RamNath Kovind) की मंजूरी के बाद ट्रिपल तलाक बिल (Triple Talaq Bill) आखिरकार ट्रिपल तलाक कानून (Triple Talaq Law) बन गया है और मु्स्लिम महिलाओं को तीन तालक जैसे कुप्रथा से आजादी मिल गई है. यह कानून 19 सितंबर 2019 से देश में पूरी तरह से लागू माना जाएगा. यह बिल तीन तलाक को अपराध बनाता है.