सीबीआई ने नियुक्ति मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री के पूर्व ओएसडी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सरकारी अस्पताल में वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर की नियुक्ति मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के विशेष कार्यधिकारी (ओएसडी) डॉ.निकुंज अग्रवाल और डॉ.अनूप मोहता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है.
दिल्ली:
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने सरकारी अस्पताल में वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर की नियुक्ति मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के विशेष कार्यधिकारी (ओएसडी) डॉ.निकुंज अग्रवाल और डॉ.अनूप मोहता के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने यह आरोप पत्र 15 जुलाई 2019 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मोहता के खिलाफ कार्रवाई के लिए मंजूरी मिलने के बाद दायर किया. अधिकारियों के मुताबिक मोहता चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के निदेशक पद पर रहते हुए 2015 में बिना साक्षात्कार लिए हड्डी रोग विभाग में वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर अग्रावल की नियुक्ति की थी.
CBI ने आरोप लगाया कि इस भर्ती के लिए न तो विज्ञापन जारी किया गया और न ही साक्षात्कार लिया गया. आरोप पत्र के मुताबिक अग्रवाल ने छह अगस्त 2015 को केवल सादे कागज पर आवेदन लिख अस्पताल से वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टर के रूप में सेवाएं देने की इच्छा जताई थी. मोहता ने 10 अगस्त 2015 को चिट्ठी लिखकर बिना निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन किए हुए अग्रवाल को मंजूरी दी. CBI के अनुसार अग्रवाल की नियुक्ति शिक्षक के कोटे के स्थान पर रेज़ीडेंट के पद पर की गई. CBI ने 2016 में दिल्ली सरकार के उप सचिव (सतर्कता) के एस मीणा की शिकायत पर मामला दर्ज किया था.
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CBI को दिल्ली सतर्कता विभाग से मिली शिकायत में कहा गया, ' अग्रवाल की नियुक्ति के कुछ दिन बाद ही उन्हें दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री का विशेष कार्यधिकारी नियुक्त कर दिया गया जबकि रेजींडेसी योजना के तहत रेजीडेंट डॉक्टर को अस्पताल में ही काम करना होता है अन्य ड्यूटी नहीं.' अधिकारियों ने बताया कि तीन साल की जांच के दौरान CBI ने उन फाइलों को जब्त किया जिससे पता चलता कि मोहता ने निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन किए बिना अग्रवाल की नियुक्ति को मंजूरी दी. सूत्रों ने बताया कि मोहता पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की गई. आरोप पत्र दाखिल करने के बाद मोहता को CBI की विशेष अदालत ने जमानत दे दी. तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग की ओर से 30 अगस्त 2016 को गठित शुंगलू समिति ने भी इस अनियमितता की जानकारी दी. पैनल की अध्यक्षता पूर्व कैग वीके शुंगलू ने की और सदस्यों में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन गोपालस्वामी और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार शामिल रहे. अग्रवाल की नियुक्ति संबंधी फाइल को स्वास्थ्य मंत्रालय ने उप राज्यपाल के कार्यालय को सौंपा था. यह कदम उप राज्यपाल की ओर से सभी फाइलें उनके कार्यालय भेजने के निर्देश के बाद उठाया गया. समिति को आम आदमी पार्टी सरकार की ओर से लिए गए फैसलों की 400 फाइलों की समीक्षा करने का जिम्मा सौंपा गया था. भाषा धीरज अविनाश अविनाश
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