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शिक्षकों को CM केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने पर BJP ने उठाए सवाल

बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी शामिल होने का आदेश दिया गया है. इससे विपक्षी पार्टी को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.

Updated on: 15 Feb 2020, 11:34 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री अरंविद केजरीवाल कल यानी 16 फरवीर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इसके लिए आम आदमी पार्टी की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है. शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन रामलीला मैदान में होगा जिसके लिए कई बड़े नेताओं को न्योता भेजा गया है. इस लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शामिल है. इसके अलावा बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह में सरकारी स्कूल के शिक्षकों को भी शामिल होने का आदेश दिया गया है. इससे विपक्षी पार्टी को आम आदमी पार्टी पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.

इसी कड़ी में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है और कुछ सवाल उठाए हैं. कपिल मिश्रा ने ट्वीट करते हुए कहा है कि सरकारी शिक्षकों को आदेश जारी कर रामलीला मैदान में हाजिरी लगवाना गलत है. उन्होंने ट्वीट किया, सरकार के शपथ ग्रहण में टीचर्स आये ये अच्छी बात हैं. लेकिन सरकारी आर्डर निकालकर जबरदस्ती टीचर्स को लाया जाए. टीचर्स की हाजिरी रामलीला मैदान में लगाई जाए . ये एक गलत परंपरा की शुरुआत हैं. शपथ ग्रहण को ऐसे 'अनावश्यक ग्रहणों' से मुक्त रखना चाहिए .

वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों को शपथ ग्रहण में बुलाने के मामले पर बीजेपी विधायक विजेंदर गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने शिक्षकों को रामलीला मैदान में बुलाये जाने वाले आर्डर को तुगलकी फरमान बताया है. इसी के साथ विजेंदर गुप्ता ने केजरीवाल को ऑर्डर वापिस लेने की मांग की है.

बता दें, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) हाल के विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीती हैं. सरकारी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री की सलाह पर छह विधायकों को मंत्री भी नियुक्त किया है. 16 फरवरी को अरविंद केजरीवाल के साथ जो छह मंत्री भी शपथ लेंगे वे मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और राजेंद्र गौतम हैं.

अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति को श्री अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए खुशी हो रही है. उनकी नियुक्ति शपथ ग्रहण के दिन से प्रभावी होगी. एक अन्य अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने अपने मंत्रिपरिषद के साथ केजरीवाल द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री के पद से दिए गए इस्तीफे को तत्काल प्रभाव से स्वीकार किया है. अधिसूचना के अनुसार लेकिन नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण कर लेने तक केजरीवाल मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करते रहेंगे.