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दिल्ली चुनाव पर भाजपा का आंतरिक आकलन, दलितों और सिखों का नहीं मिला साथ

सूत्रों ने बताया कि कुछ प्रत्याशियों ने टिकट घोषणा में देरी, घोषणापत्र जारी करने में विलंब और जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उनकी भूमिका को भी हार की वजह के रूप में रेखांकित किया.

Updated on: 07 Mar 2020, 07:29 AM

दिल्ली:

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को लेकर आंतरिक आकलन के लिए शुक्रवार को हुई बैठक के मुताबिक दलित और सिख समुदाय ने समर्थन नहीं किया, इसलिए पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा. सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में दिल्ली बीजेपी प्रदेश के अध्यक्ष मनोज तिवारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली के प्रभारी श्याम जाजू और दिल्ली बीजेपी के महासचिव (संगठन) सिद्धार्थन ने हिस्सा लिया. दिल्ली बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी कुछ समय तक बैठक में उपस्थित रहे. उन्होंने कहा, ‘इस बैठक में करीब 50 पार्टी प्रत्याशी भी शामिल हुए जिन्हें चुनाव में हार मिली थी. कई लोगों ने बैठक में रेखांकित किया कि उनके विधानसभा क्षेत्रों में दलित और सिख मतदाताओं ने समर्थन नहीं दिया.’

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सूत्रों ने बताया कि कुछ प्रत्याशियों ने टिकट घोषणा में देरी, घोषणापत्र जारी करने में विलंब और जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उनकी भूमिका को भी हार की वजह के रूप में रेखांकित किया. पार्टी के एक प्रत्याशी ने बताया कि बैठक में मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने उम्मीदवारों को भरोसा दिलाया कि उनके आकलन के आधार पर कार्रवाई योग्य रिपोर्ट तैयार पर भाजपा नेतृत्व को सौंपी जाएगी. सूत्रों ने बताया कि बैठक में शामिल नहीं होनेवाले प्रत्याशियों से पार्टी सफाई मांगेगी. 

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बता दें, इससे पहले राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ ने भी बीजेपी की हार पर नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया था. संघ ने उम्मीदवारों के चयन पर सवाल उठाया था, साथ ही कहा कि जमीनी स्तर पर संगठन कमजोर हुआ है, जिससे पार्टी की चुनाव में दुर्गति हुई. हार के कारणों की समीक्षा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय जनता पार्टी को कड़ी नसीहत दी है.