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पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के प्रति बदल गया अरविंद केजरीवाल ( Arvind Kejariwal) का नजरिया, जानें कैसे

केजरीवाल (Arvind Kejariwal) मोदी (PM Narendra Modi) सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ काफी मुखर रहे थे. पर..

Updated on: 06 Oct 2019, 04:04 PM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव के दौरान अप्रैल और मई में अपने ट्वीटर में कम से कम 20 बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का नाम ले चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejariwal) ने चुनाव के बाद मोदी (PM Narendra Modi) -विरोधी ट्वीट (Tweet) करना बंद कर दिया है. केजरीवाल (Arvind Kejariwal) ने 15 अप्रैल से 15 मई तक जहां अपने ट्वीट (Tweet) में 21 बार (ज्यादातर ट्वीट (Tweet) हिंदी में) मोदी (PM Narendra Modi) का नाम लिया, वहीं उन्होंने मोदी (PM Narendra Modi) और मोदी (PM Narendra Modi) सरकार के खिलाफ भी कई ट्वीट (Tweet) किए.

आम आदमी पार्टी (आप) ने यहां तक कि मोदी (PM Narendra Modi) और पाकिस्तान के बीच रिश्ते पर प्रश्न पूछ लिया. केजरीवाल (Arvind Kejariwal) ने न सिर्फ मोदी (PM Narendra Modi) , बल्कि कई बार बीेजेपी (BJP) और नई दिल्ली में उसके लोकसभा प्रत्याशियों पर हमले किए.

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केजरीवाल (Arvind Kejariwal) के ट्विटर पर 1.56 करोड़ फॉलोवर हैं. उन्होंने यह भी कहा था कि मोदी (PM Narendra Modi) दिल्ली में आप सरकार को कमजोर करने के लिए उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. एक ट्वीट (Tweet) में उन्होंने अमित शाह पर हमला करते हुए कहा था कि 'चुनाव के बाद शाह गृहमंत्री बन जाएंगे.'

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लोकसभा चुनाव के बाद केजरीवाल (Arvind Kejariwal) में बदलाव देखा जा सकता है. मुख्य बात यह थी कि केजरीवाल (Arvind Kejariwal) के मोदी (PM Narendra Modi) -विरोधी ज्यादातर ट्वीट (Tweet) हिंदी में थे और मोदी (PM Narendra Modi) पर हमला करते हुए उन्होंने उन्हें कभी टैग नहीं किया.

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हालांकि चुनाव के बाद उन्होंने मोदी (PM Narendra Modi) के संबंध में चार ट्वीट (Tweet) किए और सभी ट्वीट (Tweet) अंग्रेजी में किए, जिनमें दो बार उन्होंने मोदी (PM Narendra Modi) को ट्वीट (Tweet) भी किया.

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लोकसभा चुनाव के बाद चार ट्वीट (Tweet) में पहला ट्वीट (Tweet) मोदी (PM Narendra Modi) के चुनाव जीतने पर उन्हें बधाई देने वाला था. केजरीवाल (Arvind Kejariwal) ने 23 मई को ट्वीट (Tweet) किया, "मैं नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को ऐतिहासिक जीत के लिए बधाई देता हूं और दिल्ली की जनता की भलाई के लिए उनसे सहयोग की उम्मीद करता हूं."

इसके बाद दूसरा ट्वीट (Tweet) उन्होंने 20 जून को किया, जब दोनों नेताओं की मुलाकात हुई. केजरीवाल (Arvind Kejariwal) ने कहा कि दिल्ली और केंद्र सरकार को साथ काम करना होगा, क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के विकास के लिए दिल्ली सरकार का पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है.

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शेष दो ट्वीट (Tweet) में मोदी (PM Narendra Modi) ने केजरीवाल (Arvind Kejariwal) को उनके जन्मदिन पर और केजरीवाल (Arvind Kejariwal) ने मोदी (PM Narendra Modi) को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं.

केजरीवाल (Arvind Kejariwal) में यह बदलाव काफी रोचक है, क्योंकि आप और मोदी (PM Narendra Modi) सरकार के बीच फरवरी 2015 में केजरीवाल (Arvind Kejariwal) के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही तनाव रहा है.

केजरीवाल (Arvind Kejariwal) मोदी (PM Narendra Modi) सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ काफी मुखर रहे थे. भारतीय जनता पार्टी (BJP ) ने कहा कि आप प्रमुख बदल गए हैं, क्योंकि "केजरीवाल (Arvind Kejariwal) समझ गए हैं कि जनता मोदी (PM Narendra Modi) के साथ है."

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बीेजेपी (BJP) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा, "रंग बदलने में माहिर लोग मौसम के अनुसार ही काम करेंगे. उन्हें (केजरीवाल (Arvind Kejariwal) और आप) एहसास हो गया है कि मोदी (PM Narendra Modi) के खिलाफ खड़े होने का समय नहीं है. लेकिन लोग होशियार हैं. वे केजरीवाल (Arvind Kejariwal) की योजना जानते हैं."

उन्होंने कहा कि अब जब बीेजेपी (BJP) ने मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में धमाकेदार जीत दर्ज की है तो "केजरीवाल (Arvind Kejariwal) ने अपने हाथ वापस खींच लिए हैं, क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि जनता मोदी (PM Narendra Modi) और बीेजेपी (BJP) के साथ है."

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आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जब मोदी (PM Narendra Modi) पहली बार प्रधानमंत्री चुने गए थे तो "मुख्यमंत्री (केजरीवाल (Arvind Kejariwal) ) और उप मुख्यमंत्री (मनीष सिसोदिया) उनसे मिलने गए थे. मुख्यमंत्री केंद्रीय मंत्रियों से मिलते रहे हैं, यह नई बात नहीं है कि केजरीवाल (Arvind Kejariwal) केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने की कोशिश कर रहे हैं."

भारद्वाज ने कहा कि पार्टी और केजरीवाल (Arvind Kejariwal) मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्र सरकार के साथ सकारात्मक संवाद करना चाहते हैं. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejariwal) सरकार का कार्यकाल फरवरी 2020 में समाप्त हो जाएगा और कुछ महीनों में दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं.