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PM नरेंद्र मोदी ने जिस सेवा का कुछ महीने पहले किया था उद्घाटन, वह छत्‍तीसगढ़ में मतदान के बाद ही हुई बंद

छत्तीसगढ़ की घरेलू विमान सेवाओं को तगड़ा झटका लगा हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 महीने पहले ही इसका उद्घाटन किया था.

Updated on: 22 Nov 2018, 03:29 PM

रायपुर:

छत्तीसगढ़ की घरेलू विमान सेवाओं को तगड़ा झटका लगा हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 महीने पहले ही इसका उद्घाटन किया था. रायपुर से जगदलपुर और जगदलपुर से ओडिसा के लिए विमान सेवा उपलब्‍ध कराने वाली कंपनी एयर ओडिशा के साथ डील रद्द कर दी है. कंपनी के विमान 70% उड़ान भी नहीं भर पाए. डीजीसीए के इस फैसले से घरेलू और इंटरस्टेट विमान सेवाओं को झटका लगा है.

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DGCA की शर्तों के मुताबिक निर्धारित अवधि में 70 प्रतिशत उड़ानों का संचालन नहीं किया गया तो अनुबंध रद्द हो जायेगा. इस अनुबंध के खत्म होने के बाद रायपुर से जगदलपुर के बीच अब कोई भी फ्लाइट नहीं चलेगी. ओडिशा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को समझौते के तहत लगातार तीन महीने के लिए या छह महीने के भीतर चार महीने तक 70 फीसदी उड़ानों का संचालन करना था. 

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प्रबंधन ये कहकर लगातार डीजीसीए को गुमराह करता रहा कि फ्लाईट में तकनीकी दिक्कतों की वजह से उड़ान में दिक्कतें आ रही है. आलम ये था कि विवाद की वजह से कर्मचारियों को ना वक्त पर वेतन मिल रहा था और ना ही विमान में ईंधन भराया जा रहा था. लिहाजा असलियत सामने आने के बाद पर अब ये कार्रवाई डीजीसीए ने की है.

14 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भिलाई से इस सेवा की की थी शुरुआत

रायपुर जगदलपुर विमान सेवा 14 जून से शुरू की गई थी. बाद में इसे जगदलपुर से विशाखापटनम तक चलाने की योजना बनाई गई. इसके लिए लाइसेंस मिलने में देरी होने से दो महीने तक फ्लाइट शुरू ही नहीं की जा सकी. काफी प्रयासों के बाद लाइसेंस मिला लेकिन जगदलपुर से विशाखापट्टनम के लिए यात्री ही नहीं मिले. इसलिए जगदलपुर से विशाखापट्टम के बीच विमान चलाने की योजना ही बंद कर दी गई. फिर भुनेश्वर से रायपुर और रायपुर से जगदलपुर का रूट तय किया.

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रायपुर से भुनेश्वर और भुनेश्वर से रायपुर के लिए भी यात्री नहीं मिले. रायपुर से जगदलपुर के लिए ही टिकटों की बुकिंग हो रही थी. इसमें भी 21 सीटर प्लेन में छह से आठ यात्री ही मिल रहे थे. इससे कंपनी का मेंटेनेंस का खर्च भी नहीं निकल रहा था. इसी वजह से कंपनी नियमित तौर पर फ्लाइट नहीं चला पा रही थी.