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निजी काम करने से मना किया तो जज ने भृत्य को दी ऐसी सजा कि रूह कांप जाएगी

दुर्ग जिला न्यायालय में आज एक भृत्य को न्यायाधीश द्वारा चार घंटे भूखा प्यासा खड़े रहने की सजा दी गई. सजा का असर ये हुआ कि भृत्य चक्कर खाकर गिर गया जिसे गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया.

Updated on: 13 Jul 2019, 12:57 PM

highlights

  • स्मिता रणावत ने सुनाई थी एक ही जगह पर खड़े रहने की सजा
  • पूर्व में भी स्मिता रणावत के निवास पर एक भृत्य की मौत हो चुकी है
  • वकीलों में इस बात को लेकर आक्रोश

दुर्ग:

दुर्ग जिला न्यायालय में आज एक भृत्य को न्यायाधीश द्वारा चार घंटे भूखा प्यासा खड़े रहने की सजा दी गई. सजा का असर ये हुआ कि भृत्य चक्कर खाकर गिर गया जिसे गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. घटना के बाद संपूर्ण न्यायालय परिसर में जमकर बवाल खड़ा हो गया.

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न्यायाधीश के खिलाफ संपूर्ण न्यायालय के भृत्य और अधिवक्ता एकत्रित हो गए ओर उन्होंने जमकर नारेबाजी करते हुए उक्त न्यायाघीश के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की. जब न्याय करने वाला ही अन्याय करने लगे तब आखिर भरोसा किस पर किया जाए.

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कुछ ऐसा ही वाक्या दुर्ग जिला न्यायालय में शुक्रवार को घटित हुआ जिसने संपूर्ण न्यायालय परिसर में बवाल मचा दिया. दरअसल दुर्ग न्यायालय में एडीजे के रूप में पदस्थ स्मिता रणावत ने अपने भृत्य को चार घंटे तक एक ही स्थान पर खड़े रहने की सजा दी जिससे उसकी हालत बेहद बिगड़ गई और उसे गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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इस घटना की जानकारी लगते ही संपूर्ण जिला परिसर के भृत्य और वकील एक जुट हो गए और उन्होने इस घटना का जमकर विरोध करना शुरू कर दिया. घटना के बाद जिला परिसर में काफी तनाव का माहौल बन गया. इस मामले को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के साथ अधिवक्ताओं की काफी देर तक चली बैठक भी विफल रही. अधिवक्ता संघ की मांग है कि इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाए.

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जानकारी के अनुसार न्यायाघीश ने भृत्य को एक निजी कार्य करने कहा था जिसे इंकार करने पर भृत्य को न्यायाघीश ने एक ही स्थान पर खड़े रहने की सजा दी. भूख-प्यास से एक ही स्थान पर खड़े रहने से सदानंद नामक भृत्य चक्कर खाकर गिर गया. उसके मुंह से झाग आने लगा.

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तत्काल वकीलों की मदद से घायल को जिला चिकित्सालय में उपचार के लिए भर्ती कराया गया जहां उसका इलाज जारी है. जिला न्यायालय के भृत्य इस घटना से बेहद आक्रोशित है और उन्होने न्याघीशों द्वारा किस तरह से प्रताड़ित किया जाता है उसकी पोल खोली.

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इस घटना के पूर्व भी न्यायाघीश स्मिता रणावत के ही निवास पर एक भृत्य की मौत हो गई थी उसके बाद इस तरह की घटना हुई है. जिससे जिला न्यायालय में पदस्थ भृत्य और अधिकवक्ता बेहद आक्रोशित हैं और कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे है.