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CM बघेल ने धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए बुलाई बैठक, BJP सांसद रहे गायब

धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने और केन्द्रीय पूल में चावल के लिए राज्य का कोटा बढ़ाने की छत्तीसगढ़ सरकार की मांग केन्द्र द्वारा खारिज किए जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए सांसदों,नेताओं और किसानों की मंगलवार को एक बैठक बुलाई.

Updated on: 06 Nov 2019, 08:30 AM

रायपुर:

धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने और केन्द्रीय पूल में चावल के लिए राज्य का कोटा बढ़ाने की छत्तीसगढ़ सरकार की मांग केन्द्र द्वारा खारिज किए जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर विचार विमर्श करने के लिए सांसदों,नेताओं और किसानों की मंगलवार को एक बैठक बुलाई. मुख्य विपक्षी दल भाजपा इस बैठक में शामिल नहीं हुआ. सीएम भूपेश बघेल ने सभी दलों के नेताओं से कहा कि किसानों का हित राजनीति से बढ़ कर है. बीजेपी नेताओं की अनुपस्थिति को सीएम भूपेश ने किसान विरोधि बताया. उन्होंने बीजेपी सांसदों से दो सवाल किए.

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उन्होंने पूछा कि क्या वे 2500 रुपये में धान की खरीद करने के पक्ष में हैं या नहीं? राज्य की कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए किसानों को धान का प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,500 रुपए करने का निर्णय लिया है. वहीं केन्द्र ने वर्ष 2019-20 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,815-1,835 रुपए के बीच रखा है.

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मीटिंग के दौरान सीएम ने तल्ख तेवर के साथ कहा कि किसानों के मुद्दों पर हम बीजेपी का समर्थन चाहते थे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बैठक से गायब रहकर बीजेपी ने बता दिया कि वह एक किसान विरोधी पर्टी है. सीएम भूपेश बघेल ने पीएम मोदी और केंद्रीय खाद्य मंत्री को लिखी चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र का कहना है कि 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अगर धान खरीदा गया तो मार्केट अस्त व्यस्त हो जाएगा.