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संविधान के 126 वें संशोधन विधेयक का छत्तीसगढ़ विधानसभा ने समर्थन किया

रमन सिंह ने कहा कि यह एक ऐसा प्रावधान है जिसमें हम केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हैं.

Updated on: 16 Jan 2020, 11:02 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ विधानसभा ने आज विशेष सत्र के दौरान संविधान के 126 वें संशोधन विधेयक का सर्वसम्मति से समर्थन किया . छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज संविधान का 126 वां संशोधन विधेयक के अनुसमर्थन के लिए एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया था . सत्र में राज्य के विधि और विधायी कार्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने इस संबंध में संकल्प प्रस्तुत किया. सदन में चर्चा के दौरान सभी दलों के सदस्यों ने इस संशोधन विधेयक का समर्थन किया. चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि यह एक ऐसा प्रावधान है जिसमें हम केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत करते हैं तथा विश्वास प्रकट करते हैं कि अनुसूचित जाति और जनजातियों को मिलने वाला यह आरक्षण 10 साल के लिए ही नहीं बल्कि सदा सदा के लिए लोगों को मिलता रहे.

सिंह ने कहा कि राज्य में हमारी सरकार थी तब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए कई कार्य किए गए. लोकतंत्र में समाज के सभी वर्गों की आवाज होनी चाहिए और जब तक सभी वर्ग की आवाज नहीं होगी तब तक लोकतंत्र अधूरा है. पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा, 'जब संविधान बना तब सभी ने आरक्षण का समर्थन किया और बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि असमानता और दूरी 10 वर्ष में खत्म हो जाएगी. मैं कहना चाहता हूं कि यह 10 वर्ष है, इस दौरान ऐसा कार्य किया जाए कि इसके बाद हमें एससी एसटी को आरक्षण देने की जरूरत नहीं होनी चाहिए. इन 10 वर्षों में असमानता समाप्त हो जाए.' विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक ने कहा, 'केंद्र सरकार की जो भावना है, मोदी जी की भावना है उस भावना में हम सभी अपनी भावना को समाहित करते हैं. आरक्षण की आवश्यकता इसलिए हुई क्योंकि उनको सामान अवसर उपलब्ध करना था जो सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक दृष्टि से पिछड़े हैं.'

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उन्होंने कहा, 'शैक्षणिक व्यवस्था, आर्थिक ढांचा और सामाजिक संरचना को आने वाले 10 वर्ष में बेहतर करने की आवश्यकता है. हमें ऐसी योजनाएं बनानी चाहिए कि सभी का विकास हो. समय आ गया है कि सभी को सामाजिक रूप से सम्मान मिले, समता के साथ सभी को लाभ मिले.' राज्य के विधि और विधायी कार्य मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, 'उनकी सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग की हितैषी रही है . टाटा संयंत्र लगाने के लिए आदिवासियों की जमीन ली गई और जब वहां संयंत्र नहीं लगा तब उनकी जमीन को वापस करने का काम राज्य सरकार ने किया है.'

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उन्होंने कहा, 'राज्य में लगातार अनुसूचित जातियों और जनजातियों के हित में कार्य किए जा रहे हैं .' मंत्री के भाषण के बाद सदन में संकल्प को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया. बाद में सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण को लेकर कहा कि निचले स्तर के लोगों का जीवन बेहतर बनाने के लिए देश में सार्वजनिक उपक्रम शुरू किया गया था, लेकिन राजग की सरकार आने के बाद सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में बेचना शुरू कर दिया गया इससे अवसर सीमित होते जा रहे हैं और इन उपक्रमों के कारण हजारों लाखों लोगों के परिवार के जीवनस्तर में सुधार आया था लेकिन अब वह क्रम घटने लगा है. बघेल ने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में बेचने के कारण आरक्षण का लाभ एससी एसटी को मिलना चाहिए था उससे वह वंचित हो रहे हैं.