logo-image

छत्तीसगढ़ः जवानों ने घायल नक्सली को करीब 12 किमी कंधे पर लादकर पहुंचाया अस्पताल

नक्सलियों के इलाके में सुरक्षा बल का कोई जवान फंस जाए तो शायद ही वह शहीद होने से बचे. लेकिन अगर नक्सली सुरक्षाबलों के बीच फंस जाए तो जवान हर तरह की मानवीयता दिखाते हैं.

Updated on: 03 Sep 2019, 10:44 AM

highlights

  • सुरक्षाबलों ने पेश की मानवीयता की मिसाल
  • जवानों के लिए जो गड्ढा खोदा था उसी में खुद गिर गया था
  • 5 लाख का इनामी था नक्सली

दंतेवाड़ा:

नक्सलियों के इलाके में सुरक्षा बल का कोई जवान फंस जाए तो शायद ही वह शहीद होने से बचे. लेकिन अगर नक्सली सुरक्षाबलों के बीच फंस जाए तो जवान हर तरह की मानवीयता दिखाते हैं. ऐसी ही एक मिसाल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में देखने को मिली है. सुरक्षाबलों ने एक घायल खूंखार नक्सली को 12 किलोमीटर तक जंगलों के रास्ते से ले जा कर अस्पताल पहुंचाया.

यह भी पढ़ें- 2 साल बाद आज मुलायम करेंगे प्रेस कान्फ्रेंस, इन मुद्दों पर रख सकते हैं अपनी राय

दंतेवाड़ा में सुकमा बॉर्डर के पास डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के जवान सर्च ऑपरेशन पर निकले हुए थे. नागलगुड़ा की पहाड़ियों में जवानों ने तलाशी अभियान चलाया. खोजबीन के दौरान जवानों को एक नक्सली जंगल में घायल मिला. उसने बताया कि घायल होने के बाद उसके साथी उसे छोड़कर भाग गए.

यह भी पढ़ें- बसपा नेताओं के जूते का दाम पूछकर ट्रोल हो गए बलिया के डीएम साहब, अब मांगी माफी

जिसके बाद डीआरजी के जवानों ने उसकी मदद करने का फैसला लिया. जवानों ने उस घायल नक्सली को एक खटिया पर बैठाया और 12 किलोमीटर दूर अस्पताल तक पैदल ले गए. बताया जा रहा है कि घायल नक्सली पिछले 11 सालों से हथियारबंद हिंसा में शामिल था. मालनगिरि एरिया समिति का वह सदस्य था और उस पर 5 लाख का ईनाम भी था.

यह भी पढ़ें- एक्शन में योगी: UP में 20 IAS और 4 PCS अफसरों का ट्रांसफर 

नक्सली कैसे घायल हुआ इसकी भी बड़ी रोचक कहानी है. बताया जा रहा है कि जिस गड्ढे को जवानों के लिए खोदा गया था यह उसी में जा गिरा. स्पाइक होल में लोहे, कांच थे. जिससे वह जख्मी हो गया. ऊबड़-खाबड़ रास्तों से होते हुए जवानों ने नदी-नाले पार करते हुए अस्पताल तक पहुंचाया. पुलिस की मानें तो ये नक्सली मलांगीर एरिया कमेटी में साल 2008 से सक्रिय था.