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अब किसानों को गांवों में बनने वाले गोठानों में मवेशी रखने का शुल्क देना होगा

छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी योजना के तहत गोठानों में अब किसानों को मवेशी रखने का शुल्क देना होगा.

Updated on: 29 Jul 2019, 08:46 AM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ में नरवा, गरवा, घुरुवा और बाड़ी योजना के तहत गोठानों में अब किसानों को मवेशी रखने का शुल्क देना होगा. यह शुल्क 20 रुपये या 50 रुपये प्रतिमाह या फिर 250 रुपये सालाना भी हो सकता है. यह जानकारी सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दी है.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शुल्क निर्धारित करने का अधिकार ग्राम गोठान समितियों को दिया जाएगा. सरकार गांवों में गोठान और चरागाह की व्यवस्था करके देगी. योजना पर आगे काम करने के लिए धनराशि की व्यवस्था गोठान समितियों को करनी होगी. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कांग्रेस सरकार नरवा, गरवा-घुरवा, बाड़ी योजना पर काम कर रही है. अभी सरकार गरवा और घुरुवा को ज्यादा फोकस कर रही है. इसके तहत मवेशियों के लिए गोठान और चरागाह बनाने का काम कराया जा रहा है.

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उन्होंने कहा कि गोठान और चरागाह ग्राम गोठान समितियों के हवाले कर दिए जाएंगे. गोठान समितियों में युवा और महिलाएं होंगी, ताकि उन्हें रोजगार मिल सके. गोठान शुरू होने के बाद किसानों को अपने आंगन में मवेशियों को बांधने की जरूरत नहीं होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गोठान में मवेशी रहेंगे और उनके लिए चारे की व्यवस्था भी होगी. बदले में किसानों को कुछ शुल्क देना होगा. मवेशी को घर पर रखने पर उनका जो खर्च होता है, शुल्क उससे कम ही होगा.

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