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बीजेपी विधायक भीमा मंडावी मर्डर केस की जांच रिपोर्ट आई सामने, ये हुआ खुलासा

दंतेवाड़ा में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हमले में मौत के मामले में प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है. इस केस की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक भीमा मंडावी की सुरक्षा में चूक नहीं हुई थी.

Updated on: 05 Sep 2019, 01:49 PM

रायपुर:

दंतेवाड़ा में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की नक्सली हमले में मौत के मामले में प्रारंभिक रिपोर्ट सामने आई है. इस केस की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक भीमा मंडावी की सुरक्षा में चूक नहीं हुई थी. साथ ही किसी भी तरह की साजिश भी इस मामले में सामने नहीं आई है.

भीमा मंडावी की हत्या के मामले में न्यायिक जांच आयोग के चेयरमैन जस्टिस सतीश के. अग्निहोत्री बुधवार को राजधानी रायपुर पहुंचे. रायपुर के पंडरी स्थित उपभोक्ता फोरम के दफ्तर में विशेष न्यायिक जांच आयोग की सुनवाई रखी गई थी. लेकिन इस मामले में एक भी गवाह बयान दर्ज करवाने के लिए नहीं पहुंचा.

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जस्टिस सतीश के. अग्निहोत्री ने बताया कि मामले में 11 लोगों की गवाही होनी थी लेकिन कुछ लोग दुर्घटना का शिकार हो गए. जिसके कारण वह बयान देने के लिए नहीं पहुंच पाए. उन्होंने बताया कि कमीशन की पहली इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट भी आ गई है.

प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि सुरक्षा में चूक नहीं हुई थी. जस्टिस अग्निहोत्री ने किसी भी तरह की साजिश से इनकार किया. जस्टिस अग्निहोत्री ने बताया कि कुछ बिंदुओं पर अभी जांच होनी बाकी है. मामले में अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी.

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लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हमले में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई थी. दंतेवाड़ा से एक मात्र बीजेपी विधायक के काफिले को नक्सलियों को निशाना बनाया गया था. नकुलनार इलाके में नक्सलियों ने उनके काफिले पर फायरिंग कर दी थी.

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वहीं इस मामले में डीजी एंटी नक्सल ऑपरेशन गिरधारी नायक ने भी कहा था कि नक्सली मूवमेंट को लेकर विधायक भीमा मंडावी को पहले ही अलर्ट किया गया था. नायक का यह भी दावा था कि मंडावी को इन क्षेत्रों में न जाने की सलाह दी गई थी.

वहीं जब भीमा मंडावी की हत्या हुई तो बीजेपी ने इसे सीधे तौर पर साजिश करार दिया था. जिसके बाद राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे. 17 मई को केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच NIA से कराने का फैसला लिया.