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पटना का यह खास लड्डू अब अयोध्या में राम मंदिर के प्रसाद का बनेगा हिस्सा

बिहार की राजधानी पटना का खास लड्डू अब अयोध्या के प्रसाद का हिस्सा बनेगा. तिरुपति से चला ये लड्डू पटना होते अयोध्या की राह पर है. इस नैवेद्यम लड्डू का प्रसाद रघुपति नाम से अयोध्या पहुंचने वाले भक्त बहुत जल्द ले सकेंगे.

Updated on: 30 Nov 2019, 02:28 PM

पटना:

बिहार की राजधानी पटना का खास लड्डू अब अयोध्या के प्रसाद का हिस्सा बनेगा. तिरुपति से चला ये लड्डू पटना होते अयोध्या की राह पर है. इस नैवेद्यम लड्डू का प्रसाद रघुपति नाम से अयोध्या पहुंचने वाले भक्त बहुत जल्द ले सकेंगे. महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल ने बताया कि इस लड्डू को ये ट्रस्ट अयोध्या पहुंचाएगा. अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हुआ तो अब वहां रघुपति नाम से इस लड्डू की बिक्री होगी, जो संचालित महावीर मंदिर से ही होगा.

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महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल ने बताया कि इस लड्डू की शुद्धता और अलग स्वाद ने लोगों को दीवाना बना रखा है. प्रसाद तो है ही मगर इसका स्वाद जो एक बार ले, वो बार बार इस प्रसाद का सेवन किए बगैर खुद को नहीं रोक पाता है. पिछले वर्ष 25 करोड़ के ये लड्डू बिके और मुनाफा 9 करोड़ हुआ, जिससे कई सामाजिक कार्य होते हैं.

पटना के महावीर मंदिर की खूब ख्याति है. दशकों से देशभर के श्रद्धालु अगर पटना पहुंचते हैं तो इस मंदिर का रुख जरूर करते हैं. 1992 में इस मंदिर में तिरुपति के तर्ज पर नैवेद्यम प्रसाद की शुरुआत हुई. 50 ग्राम, 100 ग्राम और 200 ग्राम के लड्डू बनते हैं. हर रोज करीब 2000 से 2500 किलो लड्डू तैयार होते हैं. 200 किलो दाल, 250 किलो चीनी, 12 किलो काजू, 7 किलो किशमिश और डेढ़ किलो इलायची एक बर्तन में इन सामग्रियों के साथ 600 किलो लड्डू तैयार किए जाते हैं. इसकी कीमत 264 रुपये प्रति किलो है.

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जैसे-जैसे इस लड्डू की मांग बढ़ी पटना में इसका कारखाना शुरू हुआ. तिरुपति से यहां कारीगर आए और फिर यहां इस खास प्रसाद के बनने का सिलसिला शुरू हुआ. इस मेगा किचन में मिल से मशीन तक सब कुछ है. दाल की पिसाई होती है, एक साथ कई बड़े चूल्हे पर बूंदी शुद्ध घी में छाना जाती है. इसको बनाने की खास विधि है. पहले दाल पीसते हैं, फिर बूंदी बनती है. इसके लिए घी बैंगलोर से आता है. चीनी के घोल में बूंदी डालते हैं. मशीन में सब मिलाते हैं. वहां से प्लेटफॉर्म पर ले जाकर इसे साइज के अनुसार बनाते हैं. इस कारखाने में 50 लोग जुटे होते हैं.

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