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नीतीश के नेताओं को अपनी पार्टी की विचारधारा मालूम नहीं, तेजस्वी यादव ने कसा तंज

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (JDU) में घमासान मचा है.

Updated on: 24 Jan 2020, 12:35 PM

पटना:

बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल-यूनाइटेड (JDU) में घमासान मचा है. पार्टी के राज्यसभा सदस्य पवन वर्मा के पत्र को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एतराज जताते हुए उन्हें लताड़ लगाई. साथ ही अपनी पार्टी की विचारधारा के बारे में भी नीतीश कुमार ने बताया. अब इसको लेकर सूबे के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने तंज कसा है. नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके ही नेताओं को ही अपनी पार्टी की विचारधारा और वैचारिक दृष्टि की स्पष्टता के बारे में मालूम नहीं है.

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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, 'आदरणीय नीतीश कुमार जी ऐसे नेता और ऐसी पार्टी के अध्यक्ष हैं, जिनकी विचारधारा और वैचारिक दृष्टि की स्पष्टता उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ विद्वान नेताओं को मालूम नहीं है. आम जनता और कार्यकर्ताओं को तो छोड़ ही दीजिए. क्या वैचारिक रूप से कंगाल ऐसे दुर्लभ नेता और पार्टी कहीं और मिलेंगे?'

दरअसल, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने मंगलवार को पार्टी के अध्यक्ष नीतीश कुमार को पत्र लिखा था और सीएए-एनआरसी-एनपीआर पर विस्तृत बयान देने की मांग की थी. दो पन्नों के पत्र को ट्विटर पर साझा करते हुए पवन वर्मा ने लिखा था, 'नागरिकता कानून के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के मद्देनजर पार्टी द्वारा वैचारिक स्पष्टता की जरूरत है.' उन्होंने लिखा, 'नीतीश ने कहा है कि एनआरसी को बिहार में लागू नहीं किया जाएगा, जबकि उन्होंने माना कि एनपीआर और सीएए पर और चर्चा किए जाने की जरूरत है. वह (नीतीश) विस्तृत वक्तव्य दें, जिससे विचारधारा स्पष्ट हो.' वर्मा ने पार्टी प्रमुख को पत्र लिखकर दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन पर भी सवाल खड़े किए थे.

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इसके बाद पवन वर्मा द्वारा सार्वजनिक तौर पर जवाब मांगे जाने पर नीतीश कुमार ने सख्त तेवर दिखाए. उन्होंने कहा था कि इस तरह के सार्वजनिक बयान आश्चर्यजनक हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि  अगर पवन वर्मा किसी दूसरी पार्टी में जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा था, 'कुछ लोगों के बयान से जनता दल को मत देखिए. जदयू बहुत ही दृढ़ता के साथ अपना काम करती है. कुछ चीजों पर हमारा जो स्टैंड होता है, वो साफ होता है. एक भी चीज के बारे में हम लोग किसी कंफ्यूजन में नहीं रहते हैं.' उन्होंने कहा, 'अगर किसी के मन में कोई बात तो आकर के विमर्श करना चाहिए, बातचीत करनी चाहिए और बैठकों में अपनी बातों को रखना चाहिए. ऐसे इस तरह से बयानबाजी करना आश्चर्य की बात है.'

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