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'एक समुदाय बच्चों को कुरान के साथ साइंस-तकनीक पढ़ाने पर जोर देगा तो घर से अफजल नहीं, कलाम निकलेगा'

देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का भी जमकर विरोध हो रहा है.

Updated on: 24 Jan 2020, 02:58 PM

पटना:

देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) का भी जमकर विरोध हो रहा है. राजनीतिक दलों के साथ जनता भी मोदी सरकार (Modi Govt) के खिलाफ धरने-प्रदर्शन कर रही है. एनपीआर को विपक्षी दल एनआरसी (NRC) का ही छद्म रूप बता रहे हैं. ऐसे में एनपीआर पर सवाल उठाने वाले दलों पर बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने हमला बोला है. इसके साथ ही उन्होंने मुस्लिम समुदाय पर बिना नाम लिए बड़ा बयान दिया है.

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बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा,'जिस समुदाय के ज्यादातर बच्चों को मजहबी तालीम तक सीमित रख कर उनके लिए करियर के मौके कम कर दिए गए, कट्टरता को बढ़ावा दिया गया और बहुत दिनों तक उन्हें यह झूठ बताया जाता रहा कि पोलियो की खुराक पिलाने से नपुंसकता होती है, उसी समुदाय को अब नागरिकता कानून, जनगणना और एनपीआर के खिलाफ भड़काकर राजनीतिक रोटी सेंकी जा रही हैं.'

उप-मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, 'जिस दिन यह समुदाय बच्चों को कुरान के साथ साइंस, तकनीक पढ़ाने पर जोर देने लगेगा और विकास की मुख्यधारा में शामिल हो जाएगा, उनके घर से अफजल नहीं, कलाम निकलेगा.' डिप्टी सीएम ने कहा कि महागठबंधन को डर है कि तब इनकी राजनीतिक दुकानें बंद हो जाएंगी.

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इससे पहले सुशील मोदी ने ट्वीट में लिखा, 'केंद्र सरकार ने बार-बार स्पष्ट किया है कि जनगणना हर दस साल पर होने वाली रुटीन प्रक्रिया है और इसके लिए कोई दस्तावेज या सबूत नहीं मांगा जाएगा, फिर भी कांग्रेस और राजद दुष्प्रचार कर एक समुदाय को गुमराह कर जनगणना को विफल करना चाहते हैं. वे सरकार को गरीबों-दलितों के कल्याण की योजनाएं बनाने से रोकने के लिए जनगणना और एनपीआर का विरोध कर रहे हैं.'

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